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24-Oct-2019 07:23 PM
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MUMBAI : महाराष्ट्र विधानसभा में एनडीए की वापसी के बावजूद भी भाजपा को दो बड़े झटके लगे हैं. सातारा संसदीय सीट पर छत्रपति के ऊपर छत्रप भारी पड़े हैं. एनसीपी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले उदयनराजे भोसले ने अपनी पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. महज 5 महीने पहले आम चुनाव में 1 लाख से भी ज्यादा मतों से जीत हासिल करने वाले उदयनराजे भोसले को हार का मुंह देखना पड़ा है. उन्हें पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और सिक्किम के पूर्व राज्यपाल श्रीनिवास पाटिल से करारी हार मिली है.
छत्रपति के ऊपर भारी पड़े छत्रप
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले की हार से यही साबित होता है कि छत्रपति के ऊपर छत्रप भारी पड़े हैं. मराठा छत्रप के नाम से मशहूर शरद पवार के उम्मीदवार ने उनको धूल चटाया. इसी साल हुए लोकसभा के आम चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1,26,528 मतों से जीत दर्ज करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले को राकांपा छोड़कर भाजपा का दामन थामना भारी पड़ गया.
पीएम मोदी की मेहनत बेकार, बारिश में भीगे शरद को मिली खुशी
सातारा लोकसभा सीट पर पीएम मोदी का चुनाव प्रचार करना पानी में बह गया. मोदी की सारी मेहनत के ऊपर सातारा की जनता ने पानी फेर दिया. उदयनराजे के पक्ष में सभा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी हुई थी लेकिन बारिश में भीगकर श्रीनिवास पाटिल के लिए शरद पवार का प्रचार करना लोगों को भा गया.
कांग्रेस-राकांपा का मजबूत गढ़ सातारा
सातारा संसदीय सीट शुरू से ही कांग्रेस और एनसीपी के लिए मजबूत गढ़ रही है. कांग्रेस के टिकट पर यहां से यशवंतराव चह्वाण और प्रतापराव भोसले सरीखे दिग्गज चुनाव जीतकर संसद में जाते रहे. शरद पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन करने के बाद से यह सीट राकांपा के पास रहती आई है. राकांपा के ही टिकट पर 2009 से उदयनराजे भोसले लगातार चुने जाते रहे. लेकिन इसबार उन्होंने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली. छह माह पहले 2019 का लोकसभा चुनाव भी उन्होंने राकांपा के टिकट पर जीतने के बाद विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले ही उन्होंने राकांपा के साथ-साथ लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया था. सातारा लोकसभा सीट के उपचुनाव में वह भाजपा के टिकट पर मैदान में थे.