ब्रेकिंग न्यूज़

अजय सिंह की योजना से पकड़ी पंचायत से 150 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन को रवाना EOU की बड़ी कार्रवाई: आधार फर्जीवाड़े मामले में मधेपुरा से 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार क्या बिहार का मखाना भी होगा जीएसटी फ्री? डॉ. राम प्रकाश ने उठाया सवाल MUNGER: अपने पैतृक गांव तारापुर पहुंचे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, 17620.90 लाख की योजनाओं का किया शिलान्यास Bihar Crime News: हत्या या आत्महत्या? बिहार में ससुराल आए युवक की संदिग्ध हालत में मौत, परिजनों ने जताई यह आशंका Bihar Crime News: हत्या या आत्महत्या? बिहार में ससुराल आए युवक की संदिग्ध हालत में मौत, परिजनों ने जताई यह आशंका Bihar News: बिहार के विकास दर में ऐतिहासिक छलांग, सम्राट चौधरी बोले- 10 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने जा रही GDP Bihar News: बिहार के विकास दर में ऐतिहासिक छलांग, सम्राट चौधरी बोले- 10 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने जा रही GDP Nepal Protest: बिहार बॉर्डर तक पहुंची नेपाल हिंसा की आग, चेकपोस्ट पर आगजनी; अलर्ट पर पुलिस और SSB Nepal Protest: बिहार बॉर्डर तक पहुंची नेपाल हिंसा की आग, चेकपोस्ट पर आगजनी; अलर्ट पर पुलिस और SSB

लालू ने फिर खोला RSS का राज, कहा- मेरे भेदियों ने बताया RSS उन गांवों में क्या करता था

लालू ने फिर खोला RSS का राज, कहा- मेरे भेदियों ने बताया RSS उन गांवों में क्या करता था

11-Jul-2019 12:36 PM

By 2

DESK : आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर से RSS पर हमला बोला है.खराब तबियत और परिवार के अंदर चल रहे कलह के बीच लालू यादव के फेसबुक पेज पर कई दिनों बाद आज एक पोस्ट आया है. इस पोस्ट के माध्यम से लालू यादव ने अपने पुराने वक्त को याद किया है. RSS मुझे नापसंद दरअसल लालू यादव के फेसबुक पेज पर गोपालगंज टू रायसीना किताब के कुछ अंश को पोस्ट किया है. इस पोस्ट के माध्यम से लालू यादव RSS पर हमला बोलना चाह रहे है. लालू यादव ने इस पोस्ट में लिखा है कि मैं आरएसएस को नापसंद करता था इसलिए उनके नेताओं पर कड़ा नियंत्रण रखता था. इस पोस्ट में आडवाणी के रथ को रोकने का भी जिक्र किया गया है. दूसरे धर्म की निंदा होती थी निंदा लालू यादव के फेसबुक पेज जो आज पोस्ट किया गया है उसमें यह लिखा गया है कि RSS अपने शिविर आयोजित करने के लिए जानबूझकर ऐसे गाँव को चुनता था, जहां गरीब हिन्दू रहते थे और जहां से कुछ मीटर की दूरी पर अल्पसंख्यकों की बस्तियां होती थीं. शाखा प्रमुख सबसे पहले शारीरिक प्रशिक्षण देता था और फिर सांस्कृतिक और धार्मिक पाठ पढ़ाने लगता। वे लोग कुछ पुस्तिकाएं भी बांटते थे, जिसमें दूसरे धर्म की निंदा की जाती थी.