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सड़क दुर्घटना दावों के निष्पादन में बेहद कारगर साबित हो रहा 'e-DAR' पोर्टल, 3 साल में 39 हजार से अधिक मामले ONLINE दर्ज

सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने में ई-डीएआर पोर्टल कारगर साबित हो रहा है। तीन सालों में 39 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक मामले पटना से हैं।

Bihar

29-Jun-2025 04:50 PM

By First Bihar

PATNA: सड़क दुर्घटना दावों के निष्पादन में  'e-DAR' पोर्टल बेहद कारगर साबित हो रहा है। 3 साल में 39 हजार से अधिक सड़क दुर्घटना के मामले ONLINE दर्ज किये गये। जिसमें 4 हजार से अधिक मामले सिर्फ पटना में दर्ज हुआ है। यह पोर्टल सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आया है। 


ई-डीएआर पोर्टल सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित मुआवजा दिलाने में मददगार साबित हो रहा है। अब तक 39,000 से अधिक सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं, जिनमें पटना में सबसे अधिक 4,050 मामले सामने आए हैं। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय(मोर्थ) डाटाबेस तैयार कर रहा है। ताकि पीड़ितों को समुचित मुआवजा समेत अन्य लाभ समय उपलब्ध कराया जा सके। 


इसके अंतर्गत आई-आरएडी (एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस) और ई-डीएआर (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) पोर्टल पर दुर्घटना के कारण, जांच और अन्य जानकारी को अपलोड किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में आई-आरएडी वेबसाइट पर सड़क दुर्घटना के कुल 39 हजार 162 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें सबसे अधिक चार हजार 50 मामले पटना और दो हजार 30 मामले मुजफ्फरपुर जिले से दर्ज हुए हैं। अबतक लगभग 18 हजार मामलों को ई-डीएआर पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है, जिनमें से दो हजार मामले फॉर्म सात तक पहुंचे है।


फॉर्म सात क्या है?

फॉर्म सात को ट्रिब्यूनल क्लेम पिटीशन माना जाता है। दरअसल, अगर किसी सड़क दुर्घटना पीड़ित की ओर से मुआवजा के लिए आवेदन नहीं किया गया है और ई-डीएआर के माध्यम से मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (मैक्ट) में डीएआर दायर है, तो इसे मुआवजा आवेदन मान कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।


क्या है आईआरएडी और ई-डीएआर?

ई-डीएआर, आई-आरएडी का डिजिटल वर्जन है, जो सड़क दुर्घटना से संबंधित सभी जानकारी को एक जगह रखता है। सड़क सुरक्षा को बेहतर करने के लिए मोर्थ ने ई-डीएआर पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल आई-आरएडी से जुड़ा हुआ है, जिसमें 90 प्रतिशत से अधिक जानकारी को सीधे ई-डीएआर पर भेजा जाता है। 


डाटाबेस तैयार करने के फायदे

ई-डीएआर पोर्टल पर सड़क दुर्घटना में शामिल वाहन, दुर्घटना की तारीख और एफआईआर की जानकारी दर्ज की जाती है। इससे दुर्घटना दावों के निष्पादन में मदद मिल रही है। इसके साथ ही सड़क दुर्घटना के कारणों और हॉटस्पॉट्स की पहचान कर उनके समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है।


पुलिस की भूमिका

प्रदेश में सड़क दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर ई-डीएआर एप के माध्यम से तुरंत रिपोर्ट दर्ज करते हैं। एप के माध्यम से फोटो, वीडियो और अन्य जानकारी को अपलोड किया जाता है।