मोतिहारी: दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम प्रशांत किशोर ने लालू के साथ-साथ राहुल गांधी पर बोला बड़ा हमला, कहा..संविधान लेकर घूमने वाले क्या अंबेडकर के अपमान का जवाब देंगे? BIHAR: मिट गया माथे पर लगा कलंक: पॉक्सो एक्ट में बुरी तरह से फंस चुके केशव को मिला नया जीवन दान नीट 2025 में गोल इन्स्टीट्यूट के छात्रों ने लहराया परचम, 5400 से अधिक छात्र सफल, 527 छात्रों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की उम्मीद Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह
27-May-2025 11:40 AM
By FIRST BIHAR
Bihar Teacher News: बिहार सरकार ने संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन के लिए 219 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यह राशि अराजकीय संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ को वेतन मद में सहायक अनुदान के रूप में स्वीकृत की गई है।
सरकार ने इसमें से 72 करोड़ 49 लाख 77 हजार रुपये तुरंत जारी भी कर दिए हैं। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मंगलवार को इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जारी की गई राशि सीधे संबंधित शिक्षकों और कर्मचारियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सैलरी का भुगतान केवल विधिवत स्वीकृत पदों पर कार्यरत कर्मियों को ही मिले।
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे भुगतान प्रक्रिया, लेखा-जोखा और उपयोगिता प्रमाण पत्र में पारदर्शिता रखें और निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा करें। सम्राट ने यह भी कहा कि बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध संसाधन प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसका उद्देश्य है कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने वाले संस्थानों को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।
बता दें कि राज्य के विभिन्न जिलों में दर्जनों अराजकीय संस्कृत विद्यालय संचालित हैं, जहां कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को वेतन नियोजित शिक्षकों के समान दिया जाता है। इसके लिए राज्य सरकार सहायक अनुदान मद से फंड उपलब्ध कराती है।