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29-Jun-2025 05:56 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Education News: बिहार के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चे अब पढ़ाई के साथ-साथ सभी तरह की आपदा से बचने के गुर भी सीखेंगे। इससे संबंधित विस्तृत कार्ययोजना मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार की गई है। शिक्षा विभाग की तरफ से इसको लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश जारी कर दिया गया है।
विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में खासतौर पर कक्षा 8 एवं 9 के बच्चों के बीच प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को ‘सुरक्षित शनिवार’ के नाम से विशेष सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य योजना निदेशक मयंक बड़बड़े के स्तर से सभी संबंधित दिशा-निर्देश का उल्लेख करते हुए पत्र जारी किया है।
राज्य स्तर पर प्रशिक्षित इन शिक्षकों को फोकल शिक्षक के नाम से जाना जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय से एक-एक शिक्षक को राज्य स्तर पर दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण पटना स्थित चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान में कराया जाएगा, जिसकी शुरुआत 30 जून से हो रही है। अलग-अलग जिलों के 150-150 शिक्षकों के बैच में यह प्रशिक्षण आयोजित कराने की योजना है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 सितंबर 2025 तक चलेगा। इसके बाद अगले चरण में बचे हुए स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का मकसद प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक को सभी तरह के आपदाओं से बचाव के गुर या तौर-तरीके का प्रशिक्षण देना है। ताकि ये प्रशिक्षित शिक्षक प्रत्येक शनिवार को अपने-अपने स्कूल में सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का आयोजन करें और बच्चों को इससे संबंधित समुचित प्रशिक्षण दे सकें। प्रशिक्षित बच्चे अपने दूसरे बच्चों के समूह के अलावा गांव-घर में भी लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगे।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत भूकंप, अगलगी, बाढ़ जैसी आपदाओं के अलावा अचानक आई अन्य किसी तरह की आपात स्थिति में स्वयं और अपने साथ के लोगों का तुरंत कैसे बचाव करें। इससे संबंधित मूलभूत बातों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। ताकि आपदा के दौरान हताहत के साथ ही जान-माल के नुकसान को कम से कम किया जा सके।
यह योजना बिहार के स्कूलों में 2018-19 से शुरू की गई थी, लेकिन बीच में कोरोना आने के कारण यह बंद हो गया था। इसके शुरुआती चरण में नीचले स्तर के विद्यालयों में स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम को मजबूती से लागू करने के लिए बच्चों को प्रशिक्षण दिए गए थे। परंतु इस बार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में खासतौर से इस कार्यक्रम को पूरी मजबूती से नए कलेवर के साथ चलाने की कवायद शुरू कर दी गई है।