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17-Dec-2022 03:12 PM
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PATNA: बिहार में छपरा के कई इलाके जहरीली शराब के कारण श्मसान में तब्दील हो गये हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक जहरीली शराब से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है. सरकारी आंकड़ों में भी 80 से ज्यादा लोगों की मौत की बात सामने आ गयी है. जहरीली शराब के कारण मारे गये सारे लोग गरीब, पिछ़ड़े औऱ दलित समाज के हैं. मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजा की मांग की जा रही है लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार कह रहे हैं कि पीने वालों को वे मुआवजा दे ही नहीं सकते. इस मामले में एक बार फिर नीतीश कुमार की गलतबयानी सामने आ गयी है.
जहरीली शराब कांड में नीतीश ने ही दिया मुआवजा
2016 में बिहार में शराबबंदी के बाद सबसे पहला जहरीली शराब कांड गोपालगंज जिले के खजूरबन्नी में हुआ था. 2016 के अगस्त में गोपालगंज के खजूरबन्नी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गयी थी और कम से कम 10 लोगों के आंखों की रोशनी चली गयी थी. नीतीश कुमार की ही सरकार ने इस कांड के बाद मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये मुआवजा दिया था.
लेकिन छपरा में इतनी बड़ी घटना के बाद नीतीश कुमार औऱ उनकी पूरी सरकार ये चीख चीख कर कह रही है कि शराब पीने से मरने वालों को मुआवजा दिया ही नहीं जा सकता. सरकार ने न कभी पहले मुआवजा दिया औऱ न अब देगी. नीतीश कुमार कह रहे हैं-जो पियेगा, वो मरेगा. सरकार की भाषा से ये लग रहा है कि इतनी लाशें निकलने के बाद बिहार में शराब नहीं बिकेगी और नीतीश की शराबबंदी सफल हो जायेगी.
नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम रहे भाजपा नेता सुशील मोदी ने आज ये मुद्दा उठाया. सुशील मोदी ने कहा कि गोपालगंज के खजूरबन्नी जहरीली शराबकांड में मुआवजा देने वाले नीतीश कुमार आज फिर पलटी मार रहे हैं. नीतीश कह रहे हैं कि जो पियेगा वह मरेगा. तो उन्हें भी याद कर लेना चाहिये कि जो पलटी मारेगा वह जायेगा. सुशील मोदी ने कहा कि छपरा में मरने वाले सारे लोग बेहद गरीब पिछडे औऱ दलित समाज के लोग हैं. उन घरों का कमाने वाला आदमी चला गया. अब विधवा महिलायें और मासूम बच्चे बचे हैं. अगर सरकार उन्हें मदद नहीं देगी तो वे भूखे मरेंगे.
सुशील मोदी ने कहा कि जब रोड एक्सीडेंट होता है तो सरकार मुआवजा देती है. वहां ये तो नहीं देखा जाता कि मरने वाले रांग साइड चल रहा था. फिर इन पीडितों को क्यों नहीं मुआवजा दिया जा रहा है. सरकार ने जहरीली शराब कांड में दोषी पुलिसकर्मियों और उत्पाद विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की. एक थाने के एक-दो लोगों पर कार्रवाई का दिखावा किया गया. जबकि तीन थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब से लोग मरे. वहां के डीएसपी, एसपी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.