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06-Aug-2023 12:52 PM
By FIRST BIHAR
MOTIHARI: बिहार में सरकार बदली और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बनें, तब उन्होंने लोगों को यह भरोसा दिलाया था कि वे बिहार की गरीब जनता को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएंगे। राज्य में महागठबंधन की सरकार बने करीब एक साल बीत गए लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली नहीं दूर हुई। तेजस्वी के दावों की हकीकत तब सामने आई जब मोतिहारी के सदर अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन हुआ। अब लोग पूछ रहे हैं कि क्या तेजस्वी इस तरह से बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारेंगे?
दरअसल, बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में कभी डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं तो कभी बेड और स्ट्रेचर मरीजों को नहीं मिल पाते। राज्यभर से इस तरह के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। ताजा मामला मोतिहारी से सामने आया है, जहां डिलेवरी के लिए सदर अस्पताल आई एक गर्भवती महिला का डॉक्टर ने टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किया। गनीमत की बात रही कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
बताया जा रहा है कि मोतिहारी सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक गर्भवती महिला को भर्ती कराया गया था। महिला की हालत खराब थी और तत्काल उसके ऑपरेश की जरूरत थी। उस वक्त न तो अस्पताल में बिजली थी और ना ही वहां का इनवर्टर ही काम कर रहा था। महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए सदर अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर ने टॉर्च की रोशनी में ही महिला का ऑपरेशन का फैसला लिया।
सदर अस्पताल की महिला डॉक्टर सुरुची स्मृति ने टॉर्च की रोशनी में गर्भवती महिला का सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद महिला और उसका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उधर, पूरे मामले पर मोतिहारी के सिविल सर्जन अंजनी कुमार ने दलील दी कि बिजली कटने और जेनरेटर चलाने के बीच के समय में महिला का ऑपरेशन हुआ होगा हालांकि उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की भी बात कही है।