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30-Jun-2020 04:02 PM
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PATNA : अपनी लंबित मांगों के समर्थन में सचिवालय कर्मचारियों ने निर्णायक लड़ाई की रणनीति तय कर ली है. आज बिहार राज्य संयुक्त सेवा महासंघ की अहम बैठक हुई. जिसमें आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय की गई. संघ ने फैसला किया है कि आगामी 3 जुलाई को काला बिल्ला लगाकर एकजुटता प्रदर्शन करने के लिए 22 संघों के पदाधिकारी और कर्मी साथ आएंगे. साथ ही साथ 2 जुलाई को शाम 6 बजे महासंघ की एक अहम बैठक भी बुलाई गई है.
सचिवालय कर्मियों ने आज दूसरे दिन भी काला बिल्ला लगाकर अपनी सेवाएं दी. बिहार सचिवालय सेवा संघ के महासचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा है कि हम अपनी बाजी मांगों के लिए संघर्ष करेंगे लेकिन इसके लिए चरणबद्ध रणनीति बनाई गई है. सचिवालय कर्मचारियों का महासंघ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात करना चाहता था लेकिन उन्हें इसके लिए वक्त नहीं दिया गया. अब संघ ने तय किया है कि कोरोना काल में वर्चुअल कोर्ट के संचालन के बीच न्यायिक विकल्प पर भी विचार किया जाएगा. साथ ही साथ अपनी मांगों के समर्थन में संघर्ष जारी रहेगा.
कर्मचारियों के साथ सरकार की वादाखिलाफी
दरअसल बिहार के सरकारी कर्मचारी पिछले कई महीनों से सरकार के सामने अपनी मांगें रख रहे थे. बिहार सचिवालय सेवा संघ राज्य सरकार के समक्ष 2018 से अपनी मांगों को रखने में लगा था. सचिवालय सेवा संघ के मुताबिक 2018 में ही मुख्य सचिव से बात कर सचिवालय कर्मचारियों की बाजिव मांगों को पूरा करने की मांग की गयी थी. लेकिन मुख्य सचिव के वादे को पूरा नहीं किया गया. इसके बाद लगातार दूसरे अधिकारियों से बात की गयी. इसी साल फरवरी में सचिवालय सेवा संघ के प्रतिनिधियों ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से अपनी मांगों को लेकर बात की थी. बिहार सचिवालय सेवा संघ के मुताबिक बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अप्रैल महीने तक कर्मचारियों की लंबितों मांगों को पूरा कर लेने का भरोसा दिलाया था. लेकिन उनसे बात किये 4 महीने हो गये अब तक कुछ नहीं हुआ. सरकार के लगातार वादाखिलाफी के बाद कर्मचारियों के पास आंदोलन के अलावा कोई और रास्ता नहीं बच गया है.
काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे हैं सचिवालय के कर्मचारी
सरकारी वादाखिलाफी से नाराज बिहार के सचिवालय कर्मचारियों ने बांह पर काला बिल्ला लगा कर काम करना शुरू कर दिया है. सचिवालय सेवा संघ ने तय किया है कि उसके सारे सदस्य 29 जून से 3 जुलाई तक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. सरकार के खिलाफ वे काला सप्ताह मना रहे हैं. इसके बावजूद अगर सरकार ने अपने वादे को पूरा करने की पहल नहीं की तो फिर कर्मचारियों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है.
क्या है कर्मचारियों की मांगे
दरअसल बिहार सरकार ने लंबे अर्से से सारे कर्मचारी-अधिकारियों के प्रमोशन पर रोक लगा रखा है. कर्मचारी अपने प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं. सचिवालय में बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हुए हैं. उन पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की जा रही है. वहीं बिहार सचिवालय सेवा और सचिवालय लिपिकीय सेवा के कर्मचारियों के पदनाम को भी बदलने की मांग की जा रही है. कर्मचारियों की मांगों की लंबी फेहरिस्त है. बिहार सचिवालय सेवा संघ के मुताबिक राज्य सरकार बार-बार उन मांगों पर जुबानी सहमति जताती है लेकिन कागज पर कोई कार्रवाई नहीं होती.