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15-Dec-2019 04:25 PM
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PATNA: नौकरी के लिए 50 लाख रूपये की घूस मांगने के आरोपी और बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामकिशोर सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए पनाह तलाश रहे हैं. रामकिशोर सिंह आज भाजपा दफ्तर पहुंच गये. किसी ने नोटिस नहीं लिया तो बाहर बैठे और फिर टॉल फ्री नंबर डायल कर खुद ही पार्टी के सदस्य बन गये. वैसे रामकिशोर सिंह बीजेपी के पुराने नेता रहे हैं लेकिन 5 साल पहले पाला बदल कर नीतीश की पार्टी में शामिल हो गये थे.
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मान न मान, मैं तेरा मेहमान
दरअसल भाजपा ने आज तेली समाज के नेता जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता को पार्टी में शामिल कराने के लिए मिलन समारोह का आयोजन किया था. कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मौजूद थे. पार्टी दफ्तर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में रामकिशोर सिंह पहुंचे लेकिन उन्हें हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया. ऐसे में वे हॉल के बाहर ही कुर्सी लेकर बैठ गये. उधर हॉल में पार्टी का मिलन समारोह चल रहा था. कार्यक्रम में मौजूद लोगों को पार्टी का सदस्य बनाने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने टॉल फ्री नंबर पढ़ा. रामकिशोर सिंह ने अपने मोबाइल से नंबर डायल किया और खुद को भाजपा का सदस्य घोषित कर दिया.
वैसे भाजपा के पुराने नेता रहे हैं रामकिशोर सिंह
रामकिशोर सिंह भाजपा के पुराने नेता रहे हैं. 2008 में भाजपा ने ही उन्हें विधान पार्षद बनाया था. लेकिन जब पार्टी ने एक टर्म के बाद 2014 में उनका टिकट काट दिया तो वे जदयू में शामिल हो गये. वो तब का दौर था जब नीतीश कुमार भाजपा विरोध की राजनीति कर रहे थे. रामकिशोर सिंह ने सुशील मोदी और भाजपा को जमकर गालियां दीं. लिहाजा नीतीश ने उन्हें हाथों-हाथ लपका और इनाम के तौर पर बीपीएससी का मेंबर बना दिया. BPSC में रामकिशोर सिंह के कारनामे पर निगरानी जांच हो रही है.
निगरानी विभाग द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के मुताबिक बीपीएससी 56वीं से 59वीं बैच की लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवार को साक्षात्कार में पास करने के लिए रामकिशोर सिंह ने 50 लाख रूपये में डील की थी. निगरानी विभाग ने घूस को लेकर उम्मीदवार से रामकिशोर सिंह और उनके एजेंट परमेश्वर राय की टेलीफोन पर बातचीत का ऑडियो रिकार्ड कर लिया था. बाद में इसे जांच के लिए लैब में भेजा गया तो पुष्टि हो गयी कि आवाज रामकिशोर सिंह की है. मामले में फंसने के बाद रामकिशोर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए वे कोर्ट भी पहुंचे लेकिन कोर्ट ने FIR रद्द करने से इंकार कर दिया. उनके खिलाफ दर्ज मामले का अनुंसधान हो रहा है.
पनाह तलाश रहे हैं रामकिशोर सिंह
दरअसल अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे से बचने के लिए रामकिशोर सिंह पनाह तलाश रहे हैं. नीतीश कुमार अब उनका नाम सुनने को तैयार नहीं हैं. लिहाजा उन्हें भाजपा की याद आयी. भाजपा नेताओं के मुताबिक रामकिशोर सिंह इन दिनों अक्सर पार्टी दफ्तर पहुंच जा रहे हैं. पार्टी ऑफिस में कोई उनका नोटिस नहीं ले रहा है लेकिन फिर भी रामकिशोर सिंह मानने को तैयार नहीं हैं.