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10-Dec-2019 12:52 PM
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PATNA : नागरिकता संशोधन विधेयक पर अब जेडीयू के अंदर ही अंदर तलवारें खिंचती जा रही हैं। बिल का समर्थन पार्टी अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को महंगा पड़ता जा रहा है ।
पहले पार्टी रणनीतिकार और उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिल पर जेडीयू के समर्थन पर सवाल उठाए तो अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने भी पार्टी से बिल के समर्थन पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।
पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा है 'मैं नीतीश कुमार से राज्यसभा में #CAB को समर्थन पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। विधेयक जेडीयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ होने के अलावा असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता और सद्भाव के खिलाफ है। गांधीजी ने इसका कड़ा विरोध किया होगा।'
जदयू के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एन के सिंह ने भी सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पर पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है। उन्होंने लिखा, 'कल आजादी के बाद का काला दिन था। कल दिन गांधी, नेहरू और पटेल के धर्मनिरपेक्ष बहुलतावादी, लोकतांत्रिक भारत को पीछे छोड़ते हुए, गोलवलकर, सावरकर और आरएसएस के एक हिन्दू राष्ट्र की ओर पहला कदम बढ़ा दिया गया।'
बता दें कि जेडीयू के नेता राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में बिल के समर्थन में कहा कि यह बिल सेकुलरिज्म की भावना को मजबूत करने वाला है। उन्होंने कहा कि इसमें उन शरणार्थियों को नरक से निकालने वाला है, जो अपना घर और सम्मान छोड़कर आए हैं। जेडीयू नेता ने कहा कि यह बिल कहीं से भी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को चुनौती नहीं देता है।