जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं
06-Feb-2022 08:04 AM
By
DESK : डॉक्टर की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट से लिए ये अच्छी खबर है. अगर वह प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करना चाहते हैं तो उन्हें महंगी फीस से राहत मिलेगी. निजी मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर होगी, जबकि बाकी 50 फीसदी सीटों पर फीस का निर्धारण वास्तविक लागत के आधार पर होगा. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने नए सत्र से मेडिकल कॉलेजों के लिए यह नियम बना दिया है. इस बाबत गुरुवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एनएमसी अधिनियम, 2019 के तहत निजी चिकित्सा कॉलेजों और मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालयों को लेकर बड़ा निर्देश दिया है. जिसमें उन्हें अपनी 50 प्रतिशत सीटों की फीस उस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी चिकित्सा कॉलेजों की फीस के बराबर किए जाने की बात कही है.
NMC के बयान में कहा गया है, "हालांकि, अगर सरकारी कोटे की सीटें कुल स्वीकृत सीटों के 50 प्रतिशत से कम हैं, तो शेष उम्मीदवारों को सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस के बराबर शुल्क का लाभ मिलेगा, जो विशुद्ध रूप से योग्यता के आधार पर होगा."
NMC का कहना है कि निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के शुल्क और अन्य शुल्क निर्धारण में जिन सिद्धांतों का पालन किया जाएगा, उनके अनुसार कोई भी संस्थान किसी भी रूप या तरीके से कैपिटेशन शुल्क नहीं ले पाएगा. जिसका फायदा छात्रों को मिलने जा रहा है. फिलहाल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इस सिद्धांत का कड़ाई से पालन किया जाए.