India Largest Airport: यहां मौजूद है भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डे भी इसके सामने हैं फेल Jacob Bethell: 136 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा इंग्लैंड का यह नौजवान क्रिकेटर, अचानक इस फैसले से हैरान हुए तमाम क्रिकेट फैंस Bihar News: 10 सूत्री मांगों को लेकर बिहार में कर्मचारियों की हड़ताल, कामकाज पूरी तरह ठप; सहकारिता मंत्री को सौंपा गया ज्ञापन Krishna Janmashtami 2025: आज है कृष्ण जन्माष्टमी, जानें... कैसे करें बाल गोपाल का श्रृंगार और प्रसाद अर्पित AMCA: 5वीं पीढ़ी का देसी फाइटर जेट जल्द भरेगा उड़ान, राफेल, Su-57 और F-35 को मिलेगी कड़ी टक्कर ऑस्ट्रेलिया को पहला विश्वकप जिताने वाले Bob Simpson का निधन, कई दिग्गज क्रिकेटर इन्हें मानते थे अपना गुरु Bihar Weather: बिहार के 15+ जिलों में आज बारिश की संभावना, मौसम विभाग का अलर्ट जारी Bihar News: एक्सरसाइज के दौरान सातवीं के छात्र को आया हार्ट अटैक, देखते ही देखते चली गई जान Bihar News: बिहार में डैम में डूबने से आठवीं के दो छात्रों की मौत, स्कूल से लौटने के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में डैम में डूबने से आठवीं के दो छात्रों की मौत, स्कूल से लौटने के दौरान हादसा
16-May-2024 06:17 PM
By FIRST BIHAR
DESK : कोरोना से निपटने के लिए देशभर में बड़ी संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन कराया गया था। बड़े पैमाने पर लोगों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगाए गए थे। पिछले दिनों कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने ब्रिटेन की कोर्ट में स्वीकार किया कि कोविशील्ड लेने वाले लोगों में बहुत रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कोविशील्ड के बाद अब कोवैक्सीन में भी साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं।
दरअसल, कोविशिल्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की कोर्ट में चल रहे एक मामले में दाखिल अदालती दस्तावेज में यह स्वीकार किया है कि उसके कोविड-19 के टीके से टीएसएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीएसएस शरीर में खून के थक्के और कम प्लेटलेट काउंट का कारण हो सकता है। मामले ने तूल पकड़ा तो कंपनी ने पूरी दुनिया से कोविशील्ड को वापस ले लिया।
अब भारत में विकसित भारत बायोटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोवैक्सीन का टीका लगवाने के करीब एक साल बाद तक अच्छी संख्या में लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए हैं। इससे सबसे अधिक प्रभावित किशोर लड़कियां थीं। इनमें कुछ बहुत ही गंभीर साइड इफेक्ट देखे गए हैं।
एक बिजनेस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक ऑब्जर्वेशनल स्टडी की गई है। जिसमें टीका लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट यानी AESI पाया गया है। बीएचयू की संखा शुभा चक्रबर्ती और उनकी टीम ने यह स्टडी की है। स्टडी में कुल 1024 लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी से टीका लगवाने के एक साल बाद तक फॉलोअप चेकअप के लिए संपर्क किया गया।
स्टडी के दौरान करीब 48 फीसदी किशोर में वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इन्फैक्शन देखा गया है। ऐसी ही स्थिति 42.6 युवाओं में भी दिखी गई है। वहीं 10.05 प्रतिशत किशोर में न्यू ऑनसेट स्कीन एंड सबकुटैनियस डिसऑर्डर, 10.2 में आम परेशानी, 4.7 लोगों में नसों से जुड़ी परेशानी, 8.9 प्रतिशत युवाओं में आम परेशानी, 5.8 फीसदी में मांसपेशियों, नसों और जोड़ों से जुड़ी परेशानी और 5.5 में नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानी देखने को मिली है।
रिपोर्ट के अनुसार, कोवैक्सीन का साइड इफेक्ट युवा महिलाओं में भी देखने को मिला है। 4.6 प्रतिशत महिलाओं में पीरियड से जुड़ी समस्या पाई गई है। वहीं आंखों से जुड़ी दिक्कत और हाइपोथारोइडिज्म भी पाया गया है। इसके साथ ही कई अन्य तरह की समस्याएं भी सामने आई हैं। इस वैक्सीन के लगवाने वाले लोगों में थायराइड बीमारी काफी बढ़ गई है। कोवैक्सीन लगवाने के करीब एक साल बाद जब स्टडी में शामिल लोगों से संपर्क किया गया तो उनमें से अधिकतर में ये सारी समस्याएं मौजूद थीं। यह भी कहा जा रहा है कि कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट का पैटर्न कोरोना की अन्य वैक्सीन के साइड इफेक्ट के पैटर्न से अलग है।