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28-Oct-2021 08:39 PM
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PATNA : बिहार में कोरोना महामारी के दौर में आम लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की भी जान गई। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौत का कारण जानने के लिए आईएमए की टीम लगातार जांच में जुटी हुई है। 8 सदस्य जांच टीम ने अब तक अपनी फाइंडिंग पूरी तो नहीं की है लेकिन पड़ताल के दौरान जो बात सामने आई है वह बेहद चौंकाने वाली है। बिहार में डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों की मौत कोरोना वायरस से होने के पीछे सबसे बड़ी वजह सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को दिए गए खराब क्वालिटी के पीपीई किट और मास्क रहे हैं।
आईएमए सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच पूरी होने के बाद फाइनल रिपोर्ट जारी की जाएगी। बिहार में डॉक्टरों की मौत का कारण जानने के लिए आईएमए ने एक टीम बनाई थी। इस टीम में आईएमए के चेयरमैन डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह के अलावे डॉ अजय कुमार, डॉ बीएस सिंह, डॉ मंजू गीता मिश्रा, डॉ बसंत सिंह, डॉ डीपी सिंह, डॉ राजीव रंजन और डॉ सुनील कुमार शामिल हैं। इस जांच टीम ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच टीम के मुताबिक डॉक्टरों को सरकार की तरफ से दिए गए पीपीपी किट और मास्क की क्वालिटी पर सवाल खड़े किए गए हैं। इसके अलावा डॉक्टरों को गंभीर हालत में इलाज के लिए बेड और ऑक्सीजन नहीं मुहैया होने पर भी चिंता जताई गई है, साथ ही साथ दूसरी लहर में डॉक्टरों ने लापरवाही और मनमाने तरीके से काम किया यह भी मौत की एक बड़ी वजह है। सरकार ने उम्रदराज डॉक्टरों को भी सेवा में लगाए रखा साथ ही साथ वायरस के म्यूटेशन में आए नए वेरिएंट के खतरे से डॉक्टर अंजान बने रहे। इन तमाम वजहों को डॉक्टरों की मौत का कारण माना जा रहा है।
आपको बता दें कि आईएमए बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद ने कोरोना से डॉक्टरों की मौत पर सवाल खड़े किए थे। दूसरे डॉक्टरों की मौत हो रही थी तो कई सीनियर इस बात को लेकर चिंता जाहिर कर रहे थे। बाद में आईएमए ने इसकी जांच कराने का फैसला किया। बिहार आईएमए के डॉ अजय कुमार का कहना है कि अब तक की जांच में मास्क पीपीई किट की क्वालिटी, उम्रदराज डॉक्टरों की कोविड-19 में ड्यूटी लगाए जाने जैसे कारण सामने आ रहे हैं। अभी पूरी जांच होनी बाकी है। जांच रिपोर्ट फाइनल तरीके से जारी की जाएगी।