मुख्य सचिव ने दिए निर्देश: योग्य लाभार्थियों को मिले राशन कार्ड, PDS दुकानों की रिक्तियां शीघ्र भरें, Zero Office Day अभियान में सख्ती कैमूर में विवाहिता की संदिग्ध मौत, मायकेवालों ने ससुराल पक्ष पर लगाया जहर देकर मारने का आरोप Bihar: सोनपुर में मनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन, पौधारोपण समेत कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन Bihar: सोनपुर में मनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन, पौधारोपण समेत कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन Buxar News: विश्वामित्र सेना ने निकाली ‘सनातन जोड़ो यात्रा’, धार्मिक एकता और आस्था का अनूठा संगम Buxar News: विश्वामित्र सेना ने निकाली ‘सनातन जोड़ो यात्रा’, धार्मिक एकता और आस्था का अनूठा संगम वीरपुर में किसान सम्मान समारोह: संजीव मिश्रा ने सैकड़ों किसानों को किया सम्मानित World Athletics Championship 2025: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचे नीरज चोपड़ा, पहले ही थ्रो में किया क्वालिफाई World Athletics Championship 2025: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचे नीरज चोपड़ा, पहले ही थ्रो में किया क्वालिफाई यूट्यूबर दिवाकर सहनी और उनके परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है वीआईपी: मुकेश सहनी
03-Jun-2024 02:44 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से केके पाठक के जाने के बाद भी काम में कोई असर न दिखे, इसको लेकर तमाम तरह के निर्देश जारी किये जा रहे हैं। ऐसे में अब प्रधानाध्यापकों के लिए भी नया निर्देश आ गया है। स्कूल खुलने के बाद उन्हें शिक्षकों के साथ मिलकर खुद भी एक काम करना होगा। इसके बाद शिक्षा विभाग को इसकी रिपोर्ट भी देनी होगी।
दरअसल, आठ जून को छुट्टी समाप्त होने के बाद सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिदिन कक्षाएं लेनी होगी और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजनी होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि प्राय: देखा जा रहा है कि प्रधानाध्यापक स्कूल के कागजी काम में ही फंसे रह जाते हैं। वह अध्यापन का कार्य नहीं कर पाते हैं। अब प्रधानाध्यापक अपने कार्यों का बंटवारा शिक्षकों के बीच कर सकेंगे। इसके साथ ही स्कूलों का निरीक्षण करने वाले भी कक्षाओं में जाकर पठन-पाठन का स्तर देखेंगे। निरीक्षक बच्चों से संबंधित विषय पर प्रश्न भी पूछ सकते हैं।
इससे उन्हें समय मिल सकेगा और कक्षाएं ले पाएंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्रधानाध्यापक जब कक्षाएं लेंगे तो अन्य शिक्षकों में भी पढ़ाने के प्रति उत्साह जगेगा। स्कूल में प्रधानाध्यापक की अलग छवि रहती है। प्रधानाध्यापकों को प्रत्येक कक्षा के निरीक्षण के लिए भी निर्देशित किया गया है। ताकि शिक्षकों की अध्यापन शैली एवं बच्चों की विषयवार समझ की परख कर सकें। उन्हें यह भी देखना होगा कि बच्चों को दिए गए एफएलएन किट का प्रयोग पढ़ाने में हो रहा या नहीं।
उधर, स्कूलों का निरीक्षण कर्मी भी कक्षाओं में जाकर पठन-पाठन का स्तर देखेंगे। निरीक्षण कर्मी बच्चों से संबंधित विषय पर प्रश्न भी कर सकते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि निरीक्षण कर्मियों को भी पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करने के लिए कहा गया है। ताकि वे बच्चों की विषयवार योग्यता परख सकें।