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20-Jun-2025 12:10 PM
By First Bihar
Bihar News: सहरसा के सदर अस्पताल में 38 लाख रुपये की कथित अवैध निकासी का गंभीर मामला सामने आया है, जिसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। अस्पताल प्रबंधक और लेखपाल पर बिना आधिकारिक हस्तांतरण के राशि निकालने का आरोप है। इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग हो रही है।
सहरसा सदर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता का गंभीर मामला उस वक़्त उजागर हो गया जब वर्तमान प्रभारी अधीक्षक डॉ. एस.के. आजाद ने लेखा सहायक अभिषेक कुमार से कैश बुक और लेजर की मांग की। डॉ. आजाद ने पूर्व अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. एस.पी. विश्वास से विधिवत हैंडओवर-टेकओवर प्रक्रिया पूरी की थी। हालांकि, सिविल सर्जन सह जिला स्वास्थ्य समिति की सदस्य सचिव डॉ. कात्यायनी मिश्रा ने उपाधीक्षक के पद को समाप्त कर डॉ. आजाद से वित्तीय प्रभार छीन लिया और उन्हें केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी। इस दौरान अस्पताल प्रबंधक और लेखपाल की मिलीभगत से 38 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली गई।
डॉ. आजाद को बार-बार कैश बुक और लेजर न देने पर शक हुआ, जिसके बाद खुलासा हुआ कि बिना उनके हस्ताक्षर के इतनी बड़ी राशि निकाली गई, जो राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, उपाधीक्षक के हस्ताक्षर के बिना कोई निकासी नहीं हो सकती। यह सवाल उठ रहा है कि हैंडओवर-टेकओवर प्रक्रिया पूरी होने से पहले प्रबंधक और लेखपाल ने इतनी बड़ी राशि कैसे निकाल ली। यह मामला संदिग्ध होने के साथ-साथ जांच का विषय बन गया है।
जिलेवासियों की नजर अब जिला प्रशासन पर टिकी है कि इस गंभीर वित्तीय अनियमितता पर क्या कार्रवाई की जाती है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग हो रही है।
रिपोर्टर: रितेश