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24-Jun-2025 12:20 PM
By First Bihar
Bihar News: उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ने वाले महुली गंगा घाट स्थित पीपा पुल को 25 जून से खोल दिया जाएगा, जिसके बाद यह पुल नवंबर तक बंद रहेगा। गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 20 जून तक गंगा में जलस्तर में लगभग एक फीट की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे आने वाले दिनों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए पीपा पुल हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पीपा पुल के हटने से बिहार के भोजपुर और छपरा जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से सड़क मार्ग का संपर्क पूरी तरह से भंग हो जाएगा। इससे दोनों राज्यों के हजारों लोगों को आने-जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि इस पुल के बंद होने के बाद बलिया और खवासपुर पंचायत से आने-जाने वाली गाड़ियों को अब बक्सर या आरा-छपरा पुल होकर करीब 100 से 150 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे ना सिर्फ समय, बल्कि ईंधन और पैसे दोनों का नुकसान होगा।
पीपा पुल के बंद होने से बड़हरा प्रखंड अंतर्गत खवासपुर पंचायत के करीब 18 गांवों के हजारों लोगों को केवल नाव के सहारे आवागमन करना पड़ेगा। यह स्थिति 25 जून से नवंबर तक बनी रहेगी। बाढ़ की स्थिति में नाव से गंगा पार करना अत्यंत जोखिमपूर्ण होता है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए।
इस परिवहन अवरोध का सीधा असर क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन जरूरतों पर पड़ेगा। मरीजों को अस्पताल ले जाना मुश्किल होगा। छात्रों को स्कूल-कॉलेज पहुंचने में दिक्कत होगी। कृषि उत्पादों और व्यापारिक माल की ढुलाई महंगी और विलंबित हो जाएगी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है, जैसे कि स्थायी पुल का निर्माण या संकट के समय वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था।
बाढ़ और आवागमन संकट की संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट पर रखा है। नाव सेवा के संचालन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन निगरानी व्यवस्था कर रहा है।