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26-Jun-2025 01:05 PM
By First Bihar
Bihar News: राजस्व विभाग से जुड़े कार्यों में आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वो दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) हो या भूमि के दस्तावेज कटवाना, हर काम धड़ल्ले से रिश्वतखोरी और देरी का शिकार हो रहा है। विभाग की वेबसाइट शुरू हुए 42 दिनों में ही राज्य भर से 8,913 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है।
कुल शिकायतों में सिर्फ 109 मामलों का समाधान हुआ। औरंगाबाद में 158 में से सिर्फ 1, बांका, कैमूर, बेगूसराय में प्रत्येक दो, जबकि भागलपुर, बक्सर, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मुंगेर, नवादा, लखीसराय में एक भी शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ। गया, गोपालगंज, मधेपुरा, जमुई सहित अन्य जिलों में भी केवल एक-एक शिकायत का निवारण किया गया। यह धीमी कार्यवाही विभाग की लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार को दर्शाती है।
राजस्व विभाग के सचिव गोपाल मीणा ने सभी DMs को पत्र लिखकर आदेश दिया कि पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का एक सप्ताह के भीतर निपटारा सुनिश्चित किया जाए। उल्लेखनीय है कि यह पोर्टल 8 मई 2025 को शुरू किया गया था और 15 जून तक लगभग सभी 8,913 शिकायतों को CO (Circle Officer) के लॉगिन में स्थानांतरित कर दिया गया था।
सीओ द्वारा समाधान के साथ ये भी तय करना होगा कि शिकायत में कहीं खुद उन्हीं या उनके अधीनस्थों का नाम तो नहीं लिया गया है। इस फ्रेमवर्क में सीतामढ़ी जिले में अब तक 220 शिकायतें CO लॉगिन पर आ चुकी हैं।
NBT की रिपोर्ट कहती है कि भूमि सर्वे में CO और अन्य कर्मियों की भूमिका संदिग्ध रही है। कई जिलों में अब तक CO और राजस्व कर्मियों की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी के सबूत भी सामने आए हैं। यह साफ़ संकेत देता है कि अधिकारियों तक भ्रष्ट दृष्टिकोण पहुंच चुका है और जमीन सर्वे जैसे ज़िम्मेदार कार्य पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अब तक केवल शिकायत दर्ज होने तक ही बात पहुंची थी। लेकिन अब सचिव की अखिल बिहार स्तर पर समीक्षा और DM स्तर तक रिपोर्टिंग व्यवस्था लागू की गई है। इसके अलावा प्रत्येक CO को शिकायतों का तथ्यात्मक जवाब देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि किसी पद पर किसी अधिकारी या कर्मी के ख़िलाफ आरोप हैं, तो व्यक्तिगत रिपोर्ट बनाकर सचिव को भेजना होगा। विभाग ने उन्नत तकनीकी उपायों लागू करने की योजना बनाई है, जैसे त्वरित ट्रैकिंग और SMS/ईमेल अलर्ट सिस्टम। इससे शिकायतों की वास्तविक स्थिति लोगों को पता चल सकेगी।
आमजन अब अधिक सजग हो रहा है। शिकायत करने वालों ने कहा जिस राजस्व कर्मी ने हमें झेलते हुए फाइल नहीं दी, उसका तस्वीर साथ भेजी अब मामला ही दर्ज़ कराया। पहले किसी शिकायत का जवाब तक नहीं मिलता था, अब सचिव की सीधी मॉनीटरिंग ने उम्मीद जगाई है।
राजस्व सुधार में अब दो चुनौतीपूर्ण कदम बचे हैं CO स्तर पर भी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप के माध्यम से काम का ट्रैक रखना। CO और कर्मचारियों की नियमित प्रशिक्षण प्रक्रिया भ्रष्टाचार विरोधी शिक्षण के साथ लोकसेवा और ई-गवर्नेंस समझाना। राजस्व विभाग में सुधार की शुरुआत हुई है, लेकिन निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही पर ज़मीनी कार्रवाई अब भी जरूरी है। शिकायत निस्तारण की गति ही सत्ता और आमजन के बीच भरोसे का टेस्ट है।