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19-Jul-2025 03:27 PM
By First Bihar
Bihar News: उत्तर बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा और झंझारपुर में गिरते भू-जल स्तर के कारण पेयजल संकट गहरा गया है। इस समस्या से निपटने के लिए अब लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने व्यापक कदम उठाए हैं। विभाग 528 नए चापाकल लगाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसके लिए विशेष तकनीकी टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें फील्ड में कैंप कर जलापूर्ति की स्थिति पर नजर रख रही हैं। दरभंगा के जिला प्रशासन ने भी पुष्टि की है कि पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में टैंकरों, सिंटेक्स टंकियों और सबमर्सिबल पंपों के जरिए जलापूर्ति की जा रही है।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार से शुक्रवार के बीच 289 बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत कर उन्हें फिर से चालू किया गया है। साथ ही 110 से अधिक चापाकलों की गहराई बढ़ाने के लिए संरचनात्मक बदलाव भी किए गए हैं। विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने इस बारे में बात करते हुए बताया है कि भू-जल स्तर 20 फीट से नीचे जाने पर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्थाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। सीतामढ़ी में 58 जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत, 76 चापाकलों की मरम्मत और 85 चापाकलों की गहराई बढ़ाई गई है। इसके अलावा चार अतिरिक्त पानी के टैंकरों की व्यवस्था से 80 पंचायतों को लाभ मिलेगा।
इसके अलावा झंझारपुर में 12 जलापूर्ति योजनाएं शुरू की गई हैं और 7 चापाकलों की गहराई भी बढ़ाई गई है, जिससे 18 पंचायतों को फायदा होगा। दरभंगा में 209 जलापूर्ति योजनाओं को फिर से चालू किया गया है और 10 चापाकलों में संरचनात्मक बदलाव किए गए हैं। साथ ही 200 नए चापाकलों की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। वहीं छह पानी के टैंकरों की व्यवस्था से 37 पंचायतें लाभान्वित होंगी। जबकि मधुबनी में 8 चापाकलों में बदलाव, 90 नए चापाकलों की स्वीकृति दी गई है और दो टैंकरों की व्यवस्था भी की गई, जिससे 44 पंचायतों को राहत मिलेगी।
यह पहल उत्तर बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की कमी को दूर करने और स्थानीय लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए काफी आवश्यक थी। अब सरकार की सक्रियता और तकनीकी टीमों की तैनाती से जल संकट प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति के जल्द ही सामान्य होने की उम्मीद है।