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29-Jun-2025 11:49 AM
By FIRST BIHAR
Bihar News: अब बिहार के आम उत्पादक किसानों को मालदह आम की तरह बीजू आम की भी अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ और बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद ने संयुक्त रूप से बीजू आम पर विस्तृत शोध किया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 23 प्रकार की उन्नत किस्म के बीजू आमों की पहचान की है।
शोध के दौरान बीजू आम का वजन 450 ग्राम से लेकर 1 किलो तक पाया गया। स्वाद और मिठास के मामले में बीजू आम कई बार कलमी आम से भी बेहतर निकला। वैज्ञानिकों की टीम अब किसानों को बीजू आम विकसित करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेगी, ताकि इन विशेष किस्मों को व्यावसायिक रूप से अपनाया जा सके।
मुजफ्फरपुर के मीनापुर, कटरा, मुशहरी, सरैया से उत्कृष्ट गुणवत्ता के बीजू आम पाए गए हैं। मीनापुर के जामिन मठिया में चार अलग-अलग किस्में मिलीं। कटरा के अम्मा गांव में एक किस्म का आम 500 ग्राम से अधिक का होता है। मुशहरी के विशनपुर मनोहर में चौसा और मालदह आम जैसे बीजू मिले, जबकि द्वारिकानगर में मालदह की उन्नत किस्म पाई गई। सरैया के बघनगरी गांव में एक बीजू आम का पेड़ 2000 से अधिक फल देता है।
अन्य जिलों जैसे वैशाली, समस्तीपुर, मुंगेर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, बांका में भी विविध किस्मों के बीजू आम मिले हैं। वैशाली में सीपिया किस्म का बीजू आम, कलमी किस्म की तुलना में 20% अधिक उत्पादन देता है। अन्य किस्मों में सीपिया, किशनभोग, राजभोग और रंगीन बीजू प्रमुख हैं। विशेष बीजू आम की किस्मों को सबौर, देसरी और पूसा कृषि विश्वविद्यालय में संरक्षित किया जाएगा।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि बीजू आम की यह विविधता बिहार के लिए एक नवीन कृषि अवसर है। संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने कहा कि यह किस्में न सिर्फ स्वादिष्ट हैं, बल्कि रोग एवं कीट प्रतिरोधी भी हैं। साथ ही इनपर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी कम पड़ता है। यह शोध किसानों को स्थानीय किस्मों के संरक्षण और व्यावसायीकरण के लिए प्रेरित करेगा और आम उत्पादन को नई दिशा देगा।