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27-Jun-2025 04:59 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव के साथ बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा और सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी मौजूद रहे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनावी वर्ष में वोटर लिस्ट के नए सिरे से पुनरीक्षण की प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीबों से वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि आख़िर 22 साल बाद अचानक वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण की क्या ज़रूरत पड़ गई? पिछली बार 2003 में यह प्रक्रिया दो साल में पूरी हुई थी, क्या अब दो महीने में हो जाएगी?
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में बारिश और बाढ़ के हालात होते हैं, ऐसे में गरीबों के लिए घर-घर जाकर कागजात इकट्ठा कर पाना संभव नहीं होगा। तेजस्वी ने कहा कि जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र, नागरिकता प्रमाण पत्र वह गरीबों के पास नहीं हैं। यहां तक कि आधार और मनरेगा कार्ड को भी स्वीकार नहीं किया जा रहा।
तेजस्वी यादव ने इस पूरी प्रक्रिया को आरएसएस के एजेंडे से जोड़ते हुए कहा कि हाल ही में आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने संविधान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब एक सोची-समझी साजिश है, जिसका उद्देश्य वोटर लिस्ट से गरीबों और युवाओं को बाहर करना है।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में तीन समूहों को अलग-अलग दस्तावेज देने होंगे। 18 से 20 वर्ष की आयु वाले युवाओं को अपना और माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र और नागरिकता से संबंधित दस्तावेज देना होगा। 20 से 39 वर्ष के युवाओं को भी माता-पिता के दस्तावेजों के साथ नागरिकता साबित करनी पड़ेगी। 39 से 40 वर्ष के लोगों को स्वयं अपनी नागरिकता का प्रमाण देना होगा। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की नीयत पर भी सवाल उठाए और कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में जो अधिकारी थे, वही अब भी इस प्रक्रिया को देख रहे हैं, उनकी निष्पक्षता पर गंभीर संदेह है।