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22-Jul-2025 08:31 PM
By First Bihar
PATNA : नीतीश कुमार के बाद जनता दल यूनाइटेड में आरसीपी सिंह का ओहदा कभी नंबर दो का हुआ करता था। सरकार से लेकर पार्टी तक में आरसीपी सिंह का रुतबा क्या था, यह बिहार की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग भली भांति जानते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने खास आरपी सिंह पर इस कदर भरोसा करते थे कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना दिया।
जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए आरसीपी सिंह को केंद्र की सरकार में मंत्री बनने का भी मौका मिला लेकिन उनके इसी फैसले के बाद धीरे-धीरे वह अपनी पार्टी में वह हाशिए पर चले गए। हालात ऐसे बन गए कि आरसीपी बाबू अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए अलग-अलग पार्टियों से होते हुए अब प्रशांत किशोर के साथ जाकर राजनीति को बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
अगस्त 2022 में जनता दल यूनाइटेड छोड़ने के बाद आरसीपी सिंह बीते 3 साल में कई राजनीतिक फैसला ले चुके हैं। पहले भारतीय जनता पार्टी उसके बाद खुद की पार्टी बनाना और अब जन सुराज के सहारे सियासत। अगस्त 2022 में आरसीपी सिंह ने जब जनता दल यूनाइटेड छोड़ी थी तब उनके साथ जेडीयू से कुछ नेताओं और उनके खास समर्थकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। यह वह दौर था जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे। आरसीपी सिंह को बीजेपी ने अपनाया लेकिन जनवरी 2024 में नीतीश कुमार के एक फैसले ने बीजेपी के अंदर आरपी सिंह की बढ़ती राजनीतिक रफ्तार पर अचानक से ब्रेक लगा दिया।
नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ आने का फैसला किया। एनडीए में उनकी वापसी के बाद आरसीपी सिंह को बीजेपी में तरजीह मिलना बंद हो चुका था। धीरे-धीरे आरसीपी सिंह को भी यह बात समझ में आ गई कि नीतीश कुमार बीजेपी के लिए मजबूरी हैं और ऐसे में नीतीश से बगावत कर जेडीयू छोड़ने वाले आरसीपी सिंह को अब बीजेपी में बहुत कुछ हासिल नहीं होने वाला।
2024 के लोकसभा चुनाव में आरपी सिंह को टिकट भी नहीं मिला लिहाजा 31 अक्टूबर 2024 को आरसीपी सिंह ने नई पार्टी का गठन कर दिया। आरसीपी सिंह ने आप सबकी आवाज यानी आशा पार्टी बनाई लेकिन अपनी नई पार्टी के सहारे भी आरसीपी बाबू कोई बहुत जलवा नहीं दिखा पाए। आखिरकार आरसीपी सिंह ने बीते 18 मई को अपनी पार्टी का जन सुराज में विलय कर दिया।
आरसीपी सिंह ने जब बीजेपी से इस्तीफा देखकर नई पार्टी बनाई थी तब उनके साथ जेडीयू छोड़कर बीजेपी जाने वाले कई नेताओं ने नई पार्टी बनाने के उनके फैसले का समर्थन नहीं किया। कन्हैया सिंह से लेकर जितेंद्र नीरज जैसे आरसीपी सिंह के करीबी नेता बीजेपी में ही रह गए। आरसीपी सिंह के कुछ करीबी नेताओं ने नई पार्टी के गठन में साथ उनका दिया लेकिन जन सुराज में पार्टी का विलय देख उनके खास करीबी चेहरों को भी शायद अपना राजनीतिक भविष्य नजर नहीं आ रहा था।
लिहाजा अब जो ताजा खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक आरसीपी सिंह के बेहद करीबी युवा नेता और उनका राजनीतिक प्रबंधन से लेकर तमाम तरह की गतिविधियों को देखने वाले विशन कुमार बिट्टू ने जनता दल यूनाइटेड में वापसी कर ली है। विशन बिट्टू आरसीपी सिंह के मजबूत समर्थकों में गिने जाते रहे लेकिन अब उन्होंने फिर से जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया है।
बिट्टू ने जेडीयू की सदस्यता लेने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की है। आरसीपी सिंह की पार्टी का विलय कराते वक्त प्रशांत किशोर और जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह भी मौजूद थे लेकिन पिछले कुछ वक्त से आरसीपी सिंह यहां भी प्रशांत किशोर के साथ नजर नहीं आते। कई जिलों में उनका अलग से कार्यक्रम चल रहा है। अब देखना होगा कि आरसीपी बाबू के लिए जन सुराज में शामिल होने का फैसला कितना सही साबित होता है?