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04-Mar-2025 10:34 AM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics : बिहार सरकार ने अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट 3 मार्च को बिहार विधानसभा मे पेश किया। इस दौरान सरकार की तरफ से वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सरकार की आगे की योजनाओं की जानकारी सदन को दी। बिहार के 3.17 लाख करोड़ के बजट पर अब सियासत शुरू हो गई है। लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या ने सीएम नीतीश से पूछा है कि इतना पैसा कहां से आएगा।
रोहिणी ने एक्स पर लिखा, “बिहार बजट 2025 : नीतीश कुमार जी .. कहाँ से आएगा पैसा ? 3.17 लाख करोड़ के आंकड़ों की बाजीगरी वाले बजट को प्रस्तुत कर खुद अपनी पीठ थपथपाने में मशगूल नीतीश सरकार को ये समझना होगा कि आर्थिक विकास के साथ मानव विकास और मानव विकास की खुशहाली के सूचकों का सतत मूल्यांकन किए जाने वाली आर्थिक नीति व् व्यवस्था आज बिहार की सबसे बड़ी जरूरत है..”
उन्होंने आगे लिखा, “फेल डबल-इंजन वाली सरकार को शायद ये भान नहीं है कि बिहार के सन्दर्भ में बहुप्रचारित विकास का जुमला नहीं चलने वाला यदि लोगों को हक के रूप में बुनियादी सेवाएं नहीं मिलीं , गैर-बराबरी की खाई कम नहीं हुई और श्रम-शक्ति का पलायन नहीं रुका तो .... नीतीश कुमार जी .. यक्ष - प्रश्न ये है कि बीमार स्टेट बन चुके बिहार के इतने बड़े साइज के प्रस्तावित बजट के लिए पैसा कहाँ से आएगा?“
रोहिणी लिखती हैं, “बदहाल जनता की जेब से दोहन के माध्यम से ? जिस प्रदेश से पिछले उन्नीस सालों से श्रम - शक्ति का पलायन अनवरत जारी है, जिस प्रदेश के बेरोजगारी के आँकड़े भयावह हैं, जिस प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम ( मात्र 183/- रूपए प्रति दिन) है , जिस प्रदेश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का अस्तित्व ही नहीं है, जिस प्रदेश में देश भर में फैले उद्योगों का महज 1.3% (फ़ीसदी/ प्रतिशत ) उद्योग मौजूद है , जहाँ कृषि आधारित अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, वहाँ राजस्व का स्रोत क्या होगा ? क्या पहले से कर्ज में डूबे बिहार पर और कर्ज का बोझ लादा जाएगा?”
अंत में रोहिणी लिखती हैं, “नीतीश कुमार जी .. आपकी सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट का सबसे निराशाजनक पहलू तो ये है कि देश की सबसे बड़ी युवा आबादी बिहार में रहती है , बावजूद इसके प्रदेश के बजट में युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन की चर्चा तक नहीं है .. आपकी ही सरकार ने 34 लाख नौकरी और रोजगार देने की घोषणा की है , मगर बजट इस अहम् मुद्दे पर मौन है , इसका मतलब साफ़ है कि 34 लाख रोजगार देने के लिए बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है और रोजगार देने की बात महज जुमला है .. नीतीश कुमार जी .. प्रस्तुत बजट में गरीबों की सीधे तौर पर उपेक्षा की गयी है, आपकी सरकार ने ही 94 लाख गरीबों को 2 लाख रूपए देने की घोषणा की थी , मगर प्रस्तुत बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है.. ऐसी ही अनदेखी / उपेक्षा बुजुर्गो के साथ की गयी है, बुजुर्गों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि ( रूपए 400/-) में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है..”