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Amit Shah visit in Bihar: बिहार चुनाव से पहले अमित शाह का मास्टर प्लान, आज क्षेत्रीय नेताओं के साथ तैयार करेंगे जीत का रोडमैप

Amit Shah visit in Bihar: बिहार चुनाव 2025 से पहले अमित शाह ने क्षेत्रीय नेताओं के साथ बैठक कर बीजेपी की जीत की रणनीति पर गहन चर्चा की। इस मास्टर प्लान के तहत बूथ स्तर से लेकर विधानसभा तक पार्टी की मजबूत पकड़ सुनिश्चित की जाएगी।

Bihar News

18-Sep-2025 08:04 AM

By First Bihar

Amit Shah visit in Bihar: बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। राज्य की सियासत में नई हलचल देखने को मिल रही है, जहां सभी प्रमुख दल रणनीतिक स्तर पर सक्रिय हो चुके हैं। सत्तारूढ़ एनडीए ने चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए केंद्रीय नेताओं के प्रदेश दौरों की श्रृंखला शुरू कर दी है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और पीएम मोदी ने बिहार का दौरा किया, और अब केंद्रीय गृह मंत्री एवं बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं।


बीती रात पटना एयरपोर्ट पर अमित शाह का भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने "जय श्रीराम" और "भारत माता की जय" के नारों से माहौल को जोशीला बना दिया। इसके बाद अमित शाह होटल मौर्य पहुंचे। इसके बाद वह स्टेट गेस्ट हाउस में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जो लगभग 2 घंटे तक चली। बैठक में संगठनात्मक मजबूती, बूथ प्रबंधन और आगामी चुनाव की तैयारियों को लेकर गहन मंथन किया गया।


जानकारी के मताबिक, बैठक में अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जीत तभी संभव है जब पार्टी जमीनी स्तर पर पूरी तरह सक्रिय हो। उन्होंने नेताओं को निर्देशित किया कि हर बूथ पर मज़बूत पकड़ बनाई जाए और विपक्ष के प्रचार व आरोपों का प्रभावी और तथ्यों पर आधारित जवाब दिया जाए। अमित शाह ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय रणनीति और बिहार के स्थानीय सामाजिक व राजनीतिक समीकरणों में संतुलन बिठाना इस चुनाव में निर्णायक साबित होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को यह भी याद दिलाया कि सिर्फ सरकार में रहना ही उद्देश्य नहीं है, बल्कि "जनता का भरोसा और सक्रिय संपर्क" ही असली ताकत है।


अमित शाह का यह दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी अब संगठनात्मक ढांचे को पूरी तरह दुरुस्त करने के मिशन पर काम कर रही है। पार्टी का फोकस सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि बूथ स्तर तक मजबूती से जमीनी पकड़ बनाने की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है। शाह की उपस्थिति न केवल कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने का काम कर रही है, बल्कि यह विपक्ष के लिए भी स्पष्ट संदेश है कि बीजेपी बिहार को लेकर कोई चूक नहीं करना चाहती।


आज,  अमित शाह सबसे पहले डेहरी ऑन सोन और फिर बेगूसराय जाएंगे, जहां वे क्षेत्रीय स्तर की बैठकें करेंगे। इन बैठकों में वे पार्टी के स्थानीय नेताओं, ज़िला अध्यक्षों और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अमित शाह का ज़ोर बूथ स्तर की रिपोर्टिंग को मजबूत करने, जातीय समीकरणों को समझने और विपक्षी दलों के विरुद्ध प्रचार की दिशा तय करने पर रहेगा। 


दूसरी ओर, विपक्ष भी अपनी रणनीति को धार देने में जुटा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल ही में बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' निकाल चुके हैं, जिसमें उन्होंने युवाओं, महिलाओं और अल्पसंख्यकों से सीधे संवाद किया। अब यह तय हो गया है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उन ज़िलों का दौरा करेंगे, जहां यह यात्रा नहीं पहुंच पाई थी। 


वहीं, कांग्रेस ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। पार्टी का दावा है कि बिहार में 1050 एकड़ ज़मीन को मात्र 1 रुपये में 33 वर्षों के लिए बीजेपी समर्थित निजी संस्थाओं को सौंपा जा रहा है। कांग्रेस ने इसे 'जनता की संपत्ति की लूट' करार देते हुए राज्य सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है। दूसरी ओर, बीजेपी ने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर निशाना साधते हुए इसे 'घुसपैठियों को वोट दिलाने की साजिश' बताया है।


ऐसे में बिहार चुनाव 2025 एक कड़ा मुकाबला साबित हो सकता है। जहां बीजेपी और एनडीए संगठनात्मक स्तर पर चुनावी मैदान में उतरने की पूरी तैयारी में हैं, वहीं कांग्रेस और विपक्षी दल भी साझा मुद्दों के साथ जनता के बीच पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। जातीय समीकरण, बेरोजगारी, शिक्षा, महंगाई, और किसानों के मुद्दे इस बार चुनावी विमर्श के केंद्र में रहने की संभावना है।


बिहार में सियासी पारा तेजी से चढ़ रहा है। दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और इंडिया महागठबंधंन चुनाव से पहले अपने-अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने, जनसंवाद बढ़ाने और सोशल मीडिया सहित सभी माध्यमों से जनता तक पहुंचने की होड़ में लगे हैं। आने वाले हफ्तों में बिहार की राजनीति और भी दिलचस्प मोड़ लेने वाली है।