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18-Sep-2025 11:08 AM
By First Bihar
Smartphone Addiction: इस डिजिटल जमाने में समय काटना कोई बड़ी बात नहीं है। आज का समय पूरी तरह से डिजिटल बन चुका है। हर किसी की सुबह की शुरुआत अलार्म से होती है और दिन इंस्टाग्राम की रील्स या यूट्यूब वीडियो देखकर खत्म होता है। स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। पढ़ाई हो, काम हो या मनोरंजन, अब हर काम फोन से ही होने लगा है। शुरुआत में यह सुविधा और जरूरी लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह आदत एक लत का रूप ले लेती है। बहुत से लोग दिनभर अपने फोन को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ते। खाना खाते समय, चलते-फिरते, यहां तक कि टॉयलेट में भी फोन हाथ से नहीं छूटता।
लेकिन यह आदत हमारी सेहत पर गहरा असर डालती है। स्मार्टफोन की लत फिजिकल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस लत के कारण कई गंभीर बीमारियां और परेशानियां जन्म ले रही हैं। तो आइए जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल किन-किन बीमारियों और समस्याओं का कारण बन सकता है।
स्मार्टफोन की लत और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं
मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी परेशानियां
जब हम घंटों तक एक ही पोजीशन में बैठे फोन चलाते हैं, तो गर्दन, पीठ, कंधे और हाथों पर बुरा असर पड़ता है। लगातार झुक कर फोन देखने से गर्दन में दर्द और अकड़न होती है, जिसे ‘टेक नेक सिंड्रोम’ कहा जाता है। इसके अलावा, अंगूठे और हाथों में जलन या खिंचाव होने लगता है, जिससे ‘टेक्स्टिंग थंब’ की समस्या होती है। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में सूजन, कमजोरी और लंबे समय में गठिया जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
मेंटल हेल्थ पर प्रभाव
स्मार्टफोन पर लगातार सोशल मीडिया, गेम्स या वीडियो देखते रहने से दिमाग थक जाता है। नींद कम हो जाती है, जिससे तनाव, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियां बढ़ती हैं। जब व्यक्ति ऑनलाइन ज्यादा समय बिताता है और असली जिंदगी से दूर हो जाता है, तो उसे अकेलापन महसूस होता है। बच्चों में यह आदत पढ़ाई में ध्यान कम होने, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ने का कारण बनती है। शोध बताते हैं कि स्मार्टफोन की लत से आत्म-सम्मान में गिरावट और सोशल स्किल्स में कमी भी होती है।
आंखों की सेहत को खतरा
स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (ब्लू लाइट) आंखों के लिए बेहद हानिकारक होती है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में जलन, धुंधलापन, और ड्राई आई सिंड्रोम जैसी समस्याएं होती हैं। इससे आंखों की थकावट बढ़ती है और चश्मे की जरूरत पड़ सकती है। लगातार फोन देखने से माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
शारीरिक निष्क्रियता से मोटापा और अन्य बीमारियां
फोन इस्तेमाल करते हुए लगातार बैठने से शरीर की सक्रियता कम हो जाती है। शारीरिक मेहनत न होने से वजन बढ़ता है, ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और मांसपेशियों में कमजोरी आती है। यह आलस और मोटापा बढ़ने का प्रमुख कारण है, जो बाद में डायबिटीज, हृदय रोग और अन्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को जन्म देता है। इसके अलावा, लंबे समय तक निष्क्रिय बैठने से रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है।
नींद की गड़बड़ी
रात में फोन का इस्तेमाल करने से नींद की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ता है। फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है, जो नींद लाने में मदद करता है। इससे नींद देर से आती है और वह पूरी नहीं होती। नींद की कमी के कारण दिनभर थकावट, चिड़चिड़ापन, और ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है। लगातार ऐसी आदत क्रोनिक स्लीप डिसऑर्डर जैसी गंभीर नींद की बीमारी का कारण बन सकती है।
आदत और ध्यान में कमी
लगातार फोन चलाने की आदत से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कमजोर हो जाती है। खासकर बच्चों और युवाओं में यह समस्या अधिक देखी गई है। इससे पढ़ाई, काम और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में मन नहीं लगता। इससे याददाश्त कमजोर हो सकती है और कई बार यह डिस्ट्रैक्शन की वजह से एक्सीडेंट जैसी गंभीर स्थिति भी उत्पन्न कर सकती है।
स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। इसे नियंत्रित करना जरूरी है ताकि आप अपनी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत को बचा सकें। स्मार्टफोन यूज करते समय नियमित ब्रेक लें, स्क्रीन टाइम लिमिट करें और ज्यादा समय प्रकृति के साथ बिताएं। याद रखें, टेक्नोलॉजी का सही उपयोग ही हमें स्वस्थ और खुशहाल जीवन देता है।