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Marriage Tradition: रीवा और विंध्य क्षेत्र की अनोखी विवाह परंपरा, मड़वा छुड़ाई रस्म का सांस्कृतिक महत्व

Marriage Tradition: रीवा और विंध्य क्षेत्र की अनोखी विवाह परंपरा, मड़वा छुड़ाई रस्म का सांस्कृतिक महत्व

25-Dec-2024 11:03 PM

By First Bihar

Marriage Tradition: रीवा और समूचे विंध्य क्षेत्र में विवाह संस्कार अपने अद्वितीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र न केवल अपनी लोक कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है, बल्कि विवाह समारोहों में निभाई जाने वाली विशिष्ट रस्में भी इस सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध बनाती हैं।


मंडवा (मंडप) और इसका महत्व:

विवाह समारोहों में मंडवा एक पवित्र स्थल होता है, जिसे बांस से बनाया जाता है। बांस को लंबाई और उसकी बढ़ती गांठों के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जो परिवार की निरंतर वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है। मंडवा स्थापित करना और फिर इसे समधी (लड़के के पिता या संरक्षक) के द्वारा विवाह के बाद खोलना, जिसे "मड़वा छुड़ाई" रस्म कहा जाता है, इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण भाग है।


मड़वा छुड़ाई रस्म:

यह रस्म बेहद रोचक और अनूठी होती है। इसमें लड़के पक्ष के समधी और लड़की पक्ष की समधन को मंडप के नीचे लाया जाता है। यहाँ समधिनें समधियों का श्रृंगार महिलाओं की तरह करती हैं—उन्हें चूड़ियां, माला, काजल, और अन्य सजावटी वस्त्र पहनाए जाते हैं। रंग-गुलाल उड़ाया जाता है, जो उल्लास और खुशी का प्रतीक है।


इसके बाद समधी अपनी समधिन को "गौछे" से बांधते हैं, जो आपसी बंधन और परस्पर सम्मान का प्रतीक है। इस प्रक्रिया के बाद लड़की के पिता समधी को उपहार या नेग देते हैं। अंत में मंडवा की एक डाल तोड़कर वेदी में रख दी जाती है, जो इस रस्म को पूर्ण करती है। इस रस्म को कभी-कभी "रंग मसाला" भी कहा जाता है।


पौराणिक महत्व:

यह रस्म रामायण काल से प्रेरित मानी जाती है। कहा जाता है कि भगवान राम और माता सीता के विवाह में भी इस प्रकार की रस्म निभाई गई थी। विंध्य क्षेत्र के लोग भगवान राम को अपना राजा मानते हैं और विवाह के दौरान उनके समय की परंपराओं का पालन करते हैं।


विंध्य क्षेत्र का सांस्कृतिक धरोहर:

यह रस्में न केवल आनंद और परंपरा का संगम हैं, बल्कि परिवार और समाज के आपसी जुड़ाव को भी दर्शाती हैं। रीवा और विंध्य क्षेत्र के लोग इन रस्मों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों को इसे सौंपते हैं। यह विवाह रस्में इस बात का प्रमाण हैं कि कैसे रीति-रिवाजों के माध्यम से लोग अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखते हैं।