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08-Mar-2021 12:53 PM
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DESK : सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्या आरक्षण की सीमा 50 फिसदी से अधिक बढ़ाई जा रही है. आज मराठा आरक्षण के मामलों में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसे 15 मार्च के लिए टाल दिया गया.
हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 मार्च से इस मामले पर रोजाना सुनवाई होगी. आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण के मासले पर सभी राज्यों को सुनना जरुरी है. इसलिए सभी राज्यों को सुनना चाहिए.
बता दें कि 'महाराष्ट्र सरकार मराठाओं को आरक्षण देने की बात लंबे समय से करते आ रही है. जिसके बाद 2018 में राज्य सरकार ने शिक्षा और नौकरी में 16 फीसदी आरक्षण देने के लिए एक कानून बनाया. इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा. जहां कोर्ट ने अपने एक फैसले में इसकी सीमा को कम कर दिया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर के अपने एक अंतरिम आदेश में कहा है कि साल 2020-2021 में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के दौरान मराठा आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. तीन जजों की बेंच ने इस मामले को विचार के लिए एक बड़ी बेंच के पास भेजा है. कोर्ट ने कहा कि यह बेंच मराठा आरक्षण की वैधता पर विचार करेगी. जिसके बाद अब पांच जजों की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है.'