मोतिहारी: दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम प्रशांत किशोर ने लालू के साथ-साथ राहुल गांधी पर बोला बड़ा हमला, कहा..संविधान लेकर घूमने वाले क्या अंबेडकर के अपमान का जवाब देंगे? BIHAR: मिट गया माथे पर लगा कलंक: पॉक्सो एक्ट में बुरी तरह से फंस चुके केशव को मिला नया जीवन दान नीट 2025 में गोल इन्स्टीट्यूट के छात्रों ने लहराया परचम, 5400 से अधिक छात्र सफल, 527 छात्रों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की उम्मीद Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह
02-May-2020 05:56 PM
By
PATNA : नीतीश सरकार ने बिहार में 500 और व्यापार मंडल से पीडीएस की दुकानों का संचालन कराने का फैसला किया था. लेकिन कोरोना महामारी के बीच सरकार ने अपने ही इस फैसले को तुरंत वापस ले लिया. सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. विरोध विरोधियों की बजाय खुद बीजेपी के विधायक कर रहे हैं. बीजेपी के विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है.
तिवारी ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सरकार के निर्देशानुसार पक्षों के माध्यम से अनाज खरीद का काम किया जाता है. पैक्सों की क्षमता जब इस कार्य को अच्छी तरीके से संचालित करने की है जो जन वितरण का कार्य भी आसानी से किया जा सकता है बीजेपी विधायक ने कहा है कि पैक्स एक लोकतांत्रिक प्रणाली के जरिए संचालित होने वाली सरकारी संस्था है और जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व को भी समझता है. ऐसे में इस में गड़बड़ी की संभावना ना के बराबर है.
तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है कि पीडीएस डीलरों की मनमानी कोई नई बात नहीं है और पैसों से पीडीएस का काम वापस लिया जाना कहीं न कहीं सवालों के घेरे में है. ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह तुरंत अपने उस आदेश को वापस ले जिसके तहत पैसों से जन वितरण प्रणाली का काम वापस लेने का फैसला किया गया है.