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पटना के प्राइवेट अस्पताल में छापेमारी, 500 रुपये की दवा 4500 में दी जा रही थी, FIR दर्ज

पटना के प्राइवेट अस्पताल में छापेमारी, 500 रुपये की दवा 4500 में दी जा रही थी, FIR दर्ज

18-May-2021 08:01 AM

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PATNA : बिहार में एक तरफ जहां कोरोना के इलाज के लिए हॉस्पिटल के चक्कर काट रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों का मनमानी करने का सिलसिला लगातार जारी है. सख्ती के बावजूद निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है. खासकर राजधानी पटना में इससे जुड़ी शिकायतें मिलने रही हैं. सोमवार की शाम पर पुलिस को एक निजी अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिली जिसके बाद धावा दल द्वारा छापेमारी की गई. 


बताया जा रहा है कि राजधानी पटना केबाइपास नब्बे फीट स्थित श्याम हॉस्पिटल में छापेमारी की. वहां प्रशासन को कई अनियमितताएं मिली हैं. अस्पताल प्रशासन ने 500 रुपए की दवा मरीज को 4500 रुपए में दी है. मरीज से एक दिन में कई बार पीपीई किट, सैनेटाइजर और ग्लब्स भी खरीदवाए गए. छानबीन में पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को एंटी बायोटिक, एंटी वायरस एवं दर्द निवारक इंजेक्शन कई गुना अधिक दाम पर दिया गया है. 


छापेमारी टीम में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि कई दवाओं को अस्पताल ने 2000 रुपये में खरीदा और उसके मरीज को 4500 रुपये में दिया गया. कुछ दर्द निवारक दवाएं 500 में बाजार में उपलब्ध हैं, उसे एमआरपी दर 4500 में दिया गया है. इतना ही नहीं जब-जब मरीज के परिजन दवा लेने के लिए अस्पताल के दवा काउंटर पर गए तब-तब उनसे पीपीई किट और सैनेटाइजर खरीदवाए गए. यह नियम के विरुद्ध है. 


उन्होंने बताया कि पीपीई किट और सेनेटाइजर का मूल्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मरीज के बेड चार्ज में ही शामिल किया गया है. छानबीन में यह भी पता चला कि राज्य सरकार ने जिस बेड के लिए 15 हजार रुपए निर्धारित किए हैं, उसके लिए अस्पताल में 20 से 25 हजार प्रति बेड चार्ज किया गया है. इसीलिए अस्पताल प्रबंधन पर आपदा अधिनियम के तहत कंकड़बाग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.


आपको बता दें कि डीएम ने ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ छापामारी करने को कहा है जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक पैसा ले रहे हैं. धावा दल में शामिल अधिकारियों से उन्होंने कहा है कि अपने स्तर से भी गुप्त सूचना प्राप्त करें तथा ऐसे प्राइवेट अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई करें.