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01-Apr-2020 03:56 PM
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PATNA : कोरोना वायरस के कारण 14 अप्रैल तक देश में लागू हुआ लॉक डाउन अगर खत्म भी हो जाता है, तो उसके बावजूद स्कूल के खुलने को लेकर संदेह है. जानकार बता रहे हैं कि कोरोना का खतरा खत्म होने पर अगर लॉक डाउन खत्म कर दिया जाता है, तो फिलहाल स्कूलों को खोलना आसान नहीं होगा. संक्रमण का खतरा अभी बना रहेगा, लिहाजा स्कूल अभी लंबे अरसे तक बंद रह सकते हैं. मई महीने में गर्मी की छुट्टियां हो जाती हैं, पारा 40 डिग्री से ऊपर जाने के बाद ऐसे भी स्कूल मैं बच्चों को भुलाना आसान नहीं होगा. लिहाजा अब सिलेबस को छोटा करने की तैयारी हो रही है.
राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में स्कूलों का सत्र अप्रैल महीने से ही शुरू होता है. लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब तक स्कूल बंद है और बच्चों को नया सिलेबस और उसके मुताबिक किताबें भी नहीं मिली हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि अब स्कूलों के अंदर पढ़ाई गर्मी की छुट्टियों के बाद ही सही तरीके से शुरू हो पायेगी. 12 महीने के सिलेबस में 2 से 3 महीने कोरोना के कारण अगर बर्बाद हो जाते हैं तो सिलेबस को छोटा कर 9 से 10 महीने का किया जा सकता है.
फिलहाल पटना के सभी स्कूल इस बात पर विचार कर रहे हैं कि लॉक डाउन खत्म होने के बाद अभिभावकों के जरिए कम से कम बच्चों तक नया सिलेबस और किताबें पहुंचाई जाएं. कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज से लेकर, ऑनलाइन होमवर्क तक का कंसेप्ट तैयार किया है. स्कूल अपना सिलेबस छोटा करने के साथ-साथ इंटरनल एग्जाम के में भी कटौती कर सकते हैं. हालांकि कुछ स्कूल इस संभावना पर विचार कर रहे हैं कि सीनियर क्लासेज में स्कूल खुलने के बाद टीचिंग आवर बढ़ाया जाए. स्कूल टाइमिंग बढ़ाने से सिलेबस को मेकअप करने में शिक्षकों को मदद मिलेगी, हालांकि मौजूदा हालात में यह बातें अभी केवल कयास से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं क्योंकि सबको इंतजार देश में लॉक डाउन के खत्म होने और कोरोना के हालात सुधरने का है.