Teachers' Day 2025: गुरु वही, जो गिरने से पहले थाम ले; जानिए...शिक्षक दिवस का महत्व Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज हल्की बारिश की संभावना, इस दिन से मानसून फिर दिखाएगा अपना रौद्र रूप मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना अंतिम चरण में, इस दिन से मिलेंगे 10 हजार रुपये; पढ़ लें...पूरी खबर मधुबनी में अपराधी बेलगाम: बाइक सवार उचक्कों ने 3 लाख रुपये से भरा बैग दंपति से छीना बिहार में अपराधियों का तांडव जारी: दंपति पर अंधाधुंध फायरिंग, महिला की हालत गंभीर 2025 में 21 से ज्यादा खिलाड़ी कर चुके संन्यास की घोषणा, इनमें से 7 Team India के E-Rickshaw Safety: अब ई-रिक्शा में भी पाएं गाड़ियों वाली सुरक्षा, जनता का सबसे बड़ा डर ख़त्म करने चली मोदी सरकार सुपौल में यथासंभव काउंसिल का शिक्षक सम्मान समारोह, संजीव मिश्रा ने किया सम्मानित मुजफ्फरपुर में चिराग की सभा में लगा यह नारा.."बिहार का सीएम कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो" Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान
13-Sep-2021 10:41 AM
By
DESK : सरकार सूबे में लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा ज़रूर करती है लेकिन उसकी वास्तविकता दावे पर खरी उतरती नज़र नहीं आती है. ताजा मामले के अनुसार, एम्बुलेंस के अभाव में परिजन मरीज को खाट के सहारे 12 किलोमीटर पैदल चलकर हॉस्पिटल ले जाने को मजबूर हैं. यह हाल कहीं और का नहीं बल्कि खुद सीएम के विधानसभा क्षेत्र का ही है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहैत सीट से विधायक हैं. लेकिन यहां के लोग आज भी ज़रूरी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. दरअसल, साहिबगंज जिले में एक महिला मरीज को उसके परिजन खटिया के सहारे कंधे पर टांगकर करीब 12 किमी की दूरी पैदल तय कर सदर अस्पताल पहुंचाया. यह उस जिले की तस्वीर है जहां से मुख्यमंत्री विधायक है.
साहिबगंज के गदाई दियरा में एक महिला की तबीयत अचानक खराब होने के बाद परिजनों ने जब 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस की मांग की तो वाहन उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर एंबुलेंस देने से मना कर दिया गया. बिगड़ती तबीयत को देख परिजन खटिया पर लादकर मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए विवश हो गए. मरीज के परिजनों ने तकरीबन 12 किलोमीटर पैदल खटिया पर मरीज को अस्पताल पहुंचाया.
यही नहीं, झारखंड में अभी भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां स्वास्थ्य सेवा तो दूर अस्पताल आने के लिए एंबुलेंस भी मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाती है. साहिबगंज से मरीज को खटिया के सहारे 12 किमी पैदल चलकर अस्पताल ले जाते परिजनों की यह तस्वीर सरकार के दावों को खोखली साबित कर रही है.