Bihar Politics: महात्मा गांधी की प्रतिमा से छेड़छाड़ का मामला गरमाया, तेज प्रताप ने किया शुद्धिकरण Bihar Politics: महात्मा गांधी की प्रतिमा से छेड़छाड़ का मामला गरमाया, तेज प्रताप ने किया शुद्धिकरण bank robbery : SBI में दिनदहाड़े हो गई 20 किलो सोने और करोड़ों की कैश की लूट, पैदल ही फरार हो गए बदमाश Dhanashree Verma: धनश्री वर्मा ने युजवेंद्र चहल पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- ‘डरते हैं कहीं मैं मुंह ना खोल दूं’ पटना में BJP का पोस्टर वॉर: पीएम मोदी की मां को बताया दुर्गा, राहुल-तेजस्वी समेत पूरे विपक्ष को दिखाया महिषासुर पटना में BJP का पोस्टर वॉर: पीएम मोदी की मां को बताया दुर्गा, राहुल-तेजस्वी समेत पूरे विपक्ष को दिखाया महिषासुर PM MODI : 'किसी के परमाणु धमकी से नहीं डरता भारत...', जन्मदिन पर बोले पीएम मोदी... जरूरत पड़ने पर होगी सीधी कार्रवाई Credit Card Fraud: स्कैमर्स का निशाना बन सकता है आपका क्रेडिट कार्ड, भूल कर भी न करें ये गलतियां Bihar Crime News: थाने के लॉकअप से चकमा देकर फरार हो गए तीन अपराधी, मुंह देखती रह गई बिहार पुलिस PMO : प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द शिफ्ट होगा: नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में PMO, कैबिनेट सचिवालय और NSA सचिवालय भी होगा ट्रांसफ़र
10-Mar-2022 09:03 AM
By
PATNA : साल के शुरूआत में सबसे बड़ा पर्व होली 19 मार्च 2022 को मनाई जाएगी. होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को हर साल यह पावन त्योहार मनाया जाता है. वहीं दूसरी तरफ बात करे होलाष्टक की तो होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होता है और होली तक रहता है.
इस साल होलाष्टक 10 मार्च से लग रहे हैं जो 17 मार्च तक चलेंगे. 10 मार्च से होलाष्टक 2.56 बजे शुरू हो जायंगे. और होलिका 17 मार्च होलिका दहन के दिन खत्म होगा. आज से इस दिन तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य (मांगलिक कार्य) नहीं किए जा सकते. होलाष्टक शब्द का अर्थ होली के आठ दिन से है. धर्म-शास्त्रों में मान्यता है कि होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. इस बार होलिका दहन 18 मार्च को होगा. रंगों का त्योहार होली 19 मार्च को खेली जाएगी. होलाष्टक (होली के आठ दिन) क्यों मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. चलिए जानते हैं पौराणिक मान्यता.
दरअसल,पौराणिक मान्यता है कि इस बीच कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि जब राजा हिरणकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद और उसकी भगवान विष्णु के प्रति भक्ति भाव देखकर क्रोधित हो उठे तो होली के आठ दिन पहले से उसकी भक्ति छुड़वाने के लिए यातनाएं देने लगे. विष्णु भगवान की कृपा से प्रह्लाद ने हर तरह के कष्ट और परेशानियों को झेल लीं और अपनी भक्ति को जारी रखा. इसके बाद हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद ली, जिसे आग में न जलने का वरदान मिला हुआ था. इसके बाद भी विष्णु भगवान की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका का अग्नि में जलने से अंत हो गया. प्रह्लाद के साथ इन आठ दिनों में जो कुछ हुआ उसकी वजह से ही होलाष्टक लगते हैं.