GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी
06-Jun-2020 06:21 PM
By
DESK : कोरोना से जुड़ी लेटेस्ट रिसर्च में अब ये बात सामने निकल कर आई है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A रहता है, उनको कोरोना संक्रमित होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा रहता है. सबसे पहले चीन के मेडिकल साइंटिस्ट ने इस बारे में जानकारी दी थी कि कोरोना के गंभीर मरीजों में A ब्लड ग्रुप वाले लोगों का संख्या अधिक पाई गई थी. पर अब इस बात की पुष्टि जर्मनी के रिसर्चर्स ने भी की है.
जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ कील के रिसर्चर्स ने कहा है कि ब्लड में पाए जाने वाले खास तरह की जीन इसके लिए जिम्मेदार है. रिसर्च में ये बात सामने निकल कर आई है कि अन्य ब्लड ग्रुप की तुलना में ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को 50 फीसदी अधिक खतरा रहता है. उनकी हालत इतनी ख़राब हो सकती है कि उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है.
डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, संभव है कि इसी वजह से कई स्वस्थ और फिट युवा कोरोना वायरस की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. अमेरिका, स्पेन सहित कई देशों में स्वस्थ और फिट युवाओं की कोरोना से मौत हो चुकी है.
यूनिवर्सिटी ने टाइप A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को होने वाले खतरे का पता लगाने के लिए इटली और स्पेन के 1610 कोरोना मरीजों के डेटा की स्टडी की थी. इस स्टडी के दौरान मरीजों के जीनोम की सीक्वेंसिंग की गई. इसके बाद इनमें खास पैटर्न तलाशने की कोशिश की गई. बाद में इसकी तुलना अन्य 2205 लोगों के डेटा से की गई जो कोरोना से संक्रमित थे, पर गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए थे. इस दौरान गौर करने लायक दो जीन एरिया मिले. एक जीन एरिया ऐसा था जो लोगों के ब्लड टाइप पर निर्भर करता है.
इस स्टडी में एक और बात सामने निकल कर आई है, वो ये है कि एक तरफ A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना से अधिक खतरा रहा है. वहीं, O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को तुलनात्मक रूप से कोरोना से गंभीर बीमार पड़ने का खतरा कम रहता है.