मौसी की बेटी से एकतरफा प्यार करने वाले सनकी ने बीच सड़क पर मचाया तांडव, विरोध करने पर चलाई बहन के ऊपर गोली हाजीपुर में बोले विजय सिन्हा..जिस दिन तेजस्वी अपने पिता लालू की राह को छोड़ देगा, उसी दिन देश से आतंकवाद का सफाया हो जाएगा Bihar Crime News: अंशु हत्याकांड का खुलासा, दोस्त ही निकला कातिल CISCE ISC ICSE Board Result 2025: 10वीं-12वीं का रिजल्ट कल होगा जारी, इस तरह से करें चेक Mob Lynching: “पाकिस्तान जिंदाबाद” बोलने पर युवक की हत्या, 15 गिरफ्तार घरेलू विवाद ने लिया खौफनाक मोड़: पति ने पत्नी का सिर मुंडवाया, गाली-गलौज और धमकी के बाद FIR दर्ज Bihar News: बिहार के इस जिले में खुदाई के दौरान मिली अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति, दर्शन के लिए जमा हुई लोगों की भीड़ चारधाम यात्रा 2025: पहलगाम हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े प्रबंध, 6000 पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल की तैनाती राज्य में ‘स्वच्छ बिहार’ पोर्टल लॉन्च, स्वच्छता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम Czech Princess's Lost Ring: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी खोई तो 2 दिन में ढूंढ कर निकाला, ठुकराए इनाम के 5 लाख रुपए
19-Feb-2024 08:34 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार की नीतीश सरकार ने मदरसों के लिए सरकारी खजाना खोल रखा है. बड़े पैमाने पर मदरसों को सरकारी खजाने से पैसा दिया जा रहा है. अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस पर सख्त एतराज जताते हुए कहा है कि ये संविधान का उल्लंघन है. आय़ोग ने बिहार के मुख्य सचिव को इस मामले में सफाई देने के लिए हाजिर होने को कहा है.
मदरसों को क्यों दे रहे हैं सरकारी पैसे?
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आय़ोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि बिहार के मदरसों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आय़ोग ने पहले भी बिहार सरकार से जवाब मांगा था. लेकिन सरकार की ओर से भेजा गया जवाब असंतोषजनक है. आयोग ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत देश के हर बच्चे को शिक्षा देना है. संविधान के मुताबिक भी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करना किसी भी बच्चे का मौलिक अधिकार है. संविधान में ये भी कहा गया है कि सरकार को किस तरह बच्चों को शिक्षा दिलाना है.
मदरसों से संविधान का उल्लंघन
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि बच्चों को किसी स्कूल में भेजने के बजाय मदरसों में सरकारी पैसे से शिक्षा दिलाना संविधान का उल्लंघन है. बिहार सरकार कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पायी है कि मदरसों को क्यों सरकारी मदद दी जा रही है.
सरकार से मांगा जवाब
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आय़ोग ने बिहार सरकार से कहा है कि वह हलफनामा दायर करे कि बिहार में कोई ऐसा मदरसा नहीं चल रहा है जो रजिस्टर्ड नहीं हो. सरकार ये भी बताये कि मदरसों में कितने गैर मुस्लिम छात्र पढ़ रहे हैं. उनकी पूरी जानकारी दी जाये. सरकार ये भी बताये कि मदरसों से कितने गैर मुस्लिम बच्चों ने 12वीं तक की शिक्षा पूरी की है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आय़ोग ने बिहार सरकार से पूछा है कि मदरसों की शिक्षा पूरी करने के बाद कितने गैर मुस्लिम बच्चों को मौलवी बनाया गया है.
मुख्य सचिव को हाजिर होने को कहा
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यूनिसेफ और एनसीईआरटी को भी नोटिस भेजा है कि मदरसों में कौन सा पाठ्यक्रम पढाया जा रहा है. आयोग ने कहा है कि कई बार समय दिये जाने के बावजूद बिहार सरकार ने मदरसों को लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया है. लिहाजा बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी खुद 22 फरवरी को दोपहर तीन बजे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में हाजिर होकर इन सारे बिन्दुओं पर जवाब दें.