ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बनारस जा रहे वाहन से अवैध हथियार बरामद, पुलिस ने 5 तस्करों को दबोचा Bihar News: बिहार में यहाँ बिछाई जाएगी डबल रेल लाइन, ₹3100 करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च Bihar Surveillance Raids: सुबह सुबह SVU की रेड, शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण के कई ठिकानों पर चल रही छापेमारी, जानिए क्या है पूरा मामला Nepal Political Crisis: 8 साल पहले महाभियोग झेलीं सुशीला कार्की, अब बनेंगी नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री; जान लें... क्या है इनकी कहानी Bihar Election 2025 : कांग्रेस ने फिर तेजस्वी को CM पद का दावेदार मानने से इनकार किया, कहा - जनता करेगी फैसला, सीट शेयरिंग में मनपसंद क्षेत्र चाहिए Bihar Crime News: बिहार में अब हाईस्कूल के गार्ड को मारी गोली, चारो अपराधी फरार.. BSEB : इंटर परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, यह है लास्ट डेट; वोकेशनल कोर्स के लिए भी शुरू हुई प्रक्रिया Devi Bhojpuri Singer: भोजपुरी सिंगर देवी बनीं सिंगल मदर, कहा- "अब सब कुछ मिल गया" Railway News : रेलवे का बड़ा फैसला: पटना-कोलकाता गरीब रथ एक्सप्रेस का नाम बदला, जानिए नया रुट और टाइमिंग BPSC Bihar Govt Job 2025: बिहार नगर विकास विभाग में निकली बंपर वैकेंसी, BPSC भर्ती नोटिफिकेशन जारी; जानिए... पूरी डिटेल

अवैध खनन का खेल : छापेमारी में आगे केस दर्ज करने में पीछे, आखिर क्या कहते हैं आंकड़े

अवैध खनन का खेल : छापेमारी में आगे केस दर्ज करने में पीछे, आखिर क्या कहते हैं आंकड़े

16-Nov-2021 11:37 AM

By

PATNA : बिहार में बालू के अवैध खनन का खेल जबरदस्त तरीके से खेला गया. अवैध खनन के खेल ने कई पुलिसवालों की नौकरी तक ले ली. लेकिन इस सब के बावजूद अवैध खनन के मामले में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. अवैध खनन के खिलाफ खनन विभाग और पुलिस की तरफ से छापेमारी तो खूब होती है लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने में बड़ी कोताही बरती गई है.


बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग की सारी कवायद ध्वस्त होती नज़र आती हैं. पुलिस की मदद के बाद भी जिलों के खनन अफसर अवैध खनन पर रोक लगाने में फेल हो रहे हैं. खनन अफसर विभाग के निर्देश पर छापामारी तो करते हैं, लेकिन छापामारी के बाद इसकी प्राथमिकी दर्ज कराने से बचते हैं. इसी कारण इस साल सितंबर महीने तक सभी जिलों को मिलाकर करीब 16 सौ छापामारी अभियान चलाए गए, लेकिन प्राथमिकी करीब 350 ही दर्ज कराई गई. कुछ जिलों में तो छापेमारी तो हुई, लेकिन प्राथमिकी शून्य ही हैं. 


खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक स्तर पर पिछले दिनों एक समीक्षा बैठक हुई थी. जिसमें राजस्व संग्रहण से लेकर अवैध खनन के खिलाफ जिलों में की गई गई कार्रवाई पर चर्चा हुई. जिसमें यह बात सामने आई कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जिलों में प्राथमिकी दर्ज करने में घोर लापरवाही हो रही है. 


कहा जा रहा है कि समस्तीपुर से लेकर खगड़िया तक जैसे जिलों ने तो प्राथमिकी का खाता तक नहीं खोला. जबकि इन जिलों में अलग-अलग समय में बालू माफिया के खिलाफ कई छापामारी अभियान चलाए गए. 9 महीने में करीब 1597 छापामारी अभियान चले जबकि जो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं उनकी संख्या 366 हैं. 


समीक्षा बैठक में जिलों की यह लापरवाही सामने आने के बाद विभाग के निदेशक के स्तर से जिलों के खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अवैध खनन के विरूद्ध जिले के संबंधित थानों में प्रत्येक कार्रवाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए. जिलों को यह हिदायत भी दी गई है कि दर्ज प्राथमिकी की सूचना से मुख्यालय को भी अवगत कराया जाए.