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19-Apr-2024 02:30 PM
By First Bihar
DESK : भारतीय रेल का सफ़र यातायात के सबसे सुगम माध्यम कहा जाता है। यात्रियों की सुविधा के अनुसार अलग-अलग श्रेणी का टिकट लेकर रेल यात्रा करने का प्रावधान है। इतना ही नहीं, बकायादा एक कानून भी है कि किस श्रेणी के यात्री को कितनी सुविधा दी जाएगी। लेकिन, इसके बाबजूद एक ऐसी खबर निकल कर सामने आई है जो रेलवे के ऐसे दावों पर सवाल खड़ा करता है और उसके अधिकारियों और कर्मचरियों पर भी।
दरअसल, रेलवे में आए दिन टीटीई की दबंगई की तस्वीरें सामने आती है। यहां कभी टीटीई यात्री के साथ गाली=गलौज और मारपीट करते नजर आते हैं तो कभी पैसे की वसूली करते। अब और एक ताजा मामला सामने आया है। जिसमें फर्स्ट एसी में सफर कर रहे एक यात्री को वैध टिकट होने के बावजूद उसे AC-1 कोच में प्रवेश करने से मना कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक x यूजर ने भारतीय रेलवे में अपने सफर का अनुभव शेयर किया है। यात्री ने सोशल मीडिया पर भारत की प्रीमियम ट्रेनों में से एक राजधानी ट्रेन में निराशाजनक सफर का अनुभव साझा किया है। उसने कहा है कि वह अपने मां-बाप के साथ रेलयात्रा कर रहा था। उनकी टिकट राजधानी एक्सप्रेस की फर्स्ट एसी में थी। उनके पास वैध टिकट होने के बावजूद टीसी ने AC-1 में प्रवेश करने से उन्हें रोक दिया। जबकि उन्होंने अपनी यात्रा टिकट टीसी को IRCTC के एप पर दिखाया। लेकिन टीटी लगातार उनसे फिजिकल टिकट दिखाने की मांग करता रहा।
इसके आगे इस यात्री ने लिखा है कि वह अपने मां-बाप के साथ राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर रहा था। इस दौरान जब ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो मैं अस्थाई रूप से कोच से बाहर प्लेटफॉर्म पर एक मित्र से मिलने गया। मैंने उस दोस्त से अपने होम टाउन से कुछ चीजें मंगाई थी। दोस्त से मिलने और सामान लेने के बाद जब मैं फर्स्ट एसी में जाने लगा तो अचानक एक ट्रेन कंडक्टर ने मुझे बोगी के अन्दर जाने से रोक दिया।
उसने यह कहकर कि यह केवल फर्स्ट एसी के यात्रियों के लिए है। दूसरे यात्रियों को इसमें प्रवेश की अनुमति नहीं है। तब मैंने उन्हें कहा कि मेरे पास फर्स्ट एसी का टिकट है और मैंने उसे आईआरटीसी एप पर दिकट भी दिखाया। लेकिन उसने कहा कि केवल फिजिकल टिकट ही स्वीकार किये जाएंगे। इसके साथ ही टीसी ने सिक्योरिटी को बुला लिया और मुझे जबरदस्ती 3-एसी कोच तक ले जाने का निर्देश दिया। पीड़ित यात्री के इस पोस्ट पर लोग अलग-अलग कमेंट कर रहे हैं।