Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला दरभंगा में पुरानी कमला नदी पर 26.26 करोड़ की लागत से बनेगा गेटेड वीयर: सम्राट चौधरी मुंगेर के तारापुर में लगेगी 29.88 करोड़ की शिव प्रतिमा, बनेगा आधुनिक पार्क: सम्राट चौधरी Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Bihar Crime News: बिहार में पान का जर्दा नहीं देने पर दुकानदार की हत्या, कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा एक स्कूल ऐसा भी: बिहार के इस विद्यालय में होता है टेंट में पढ़ाई, भीषण गर्मी और बारिश में बच्चों को होती है भारी परेशानी Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा
31-May-2025 03:27 PM
By First Bihar
illegal Bangladeshi in India : बेतिया जिले की एक अदालत ने बिना पासपोर्ट और वैध कागजात के भारत में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को दो वर्ष छह माह की सजा सुनाई है। जिला अपर सत्र न्यायाधीश पंचम विमलेंदु कुमार ने आरोपी को फॉरेनर एक्ट की धारा 14A के तहत दो वर्ष और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत छह माह की कारावास की सजा सुनाई है।
दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। साथ ही, अदालत ने ₹10,000 का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में एक अतिरिक्त माह की सजा भुगतनी होगी। सजा पाने वाले का नाम काला मियां है, जो बांग्लादेश के नरसिद्धि जिला अंतर्गत दौहाडा थाना क्षेत्र के विलवाड़ा गांव का निवासी है। उसे भारत में बिना वैध कागजात के रहने के आरोप में दोषी पाया गया है।
अपर लोक अभियोजक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि 31 जनवरी 2023 को एसएसबी अधिकारी हरेंद्र सिंह ने आरोपी को कैंप के पास संदिग्ध हालत में पकड़ा और स्थानीय थाना को सौंपा। पूछताछ में काला मियां ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताया और बताया कि वह पिछले 5–6 महीने से भारत में रह रहा है। उसके पास कोई वैध पासपोर्ट या दस्तावेज नहीं था।
गिरफ्तारी के बाद, आरोपी ने अदालत से सरकारी अधिवक्ता देने की मांग की थी। इस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उसे लीगल एड डिफेंस काउंसिल के माध्यम से मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की गई। सुनवाई और विचारण के बाद, अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई।