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Bihar News: नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों में जमीन रजिस्ट्री के जरिए काले धन का बड़ा खेल, आयकर विभाग ने शुरू की जांच

Bihar News: बिहार के सीमावर्ती जिलों में जमीन रजिस्ट्री के जरिए बड़े पैमाने पर काले धन का निवेश हो रहा है। आयकर विभाग ने फर्जी पैन और नकद सौदों की जांच शुरू कर दी है। कई रजिस्ट्री बिना पैन और फॉर्म 60 के किए गए हैं, जिससे टैक्स चोरी का संदेह गहराया ह

Bihar News

19-Sep-2025 07:49 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार के सीमावर्ती इलाकों में जमीन रजिस्ट्री के जरिए बड़े पैमाने पर काले धन का निवेश हो रहा है। हाल ही में आयकर विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि कई अवर निबंधन कार्यालयों की मिलीभगत से न केवल टैक्स चोरी की जा रही है, बल्कि बिना पैन और फॉर्म 60 के भी लेनदेन दर्ज किए गए हैं। विभाग ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए सैकड़ों संदिग्ध सौदों की पहचान की है और उनकी जांच शुरू कर दी है।


आयकर विभाग ने बताया कि इन मामलों में रजिस्ट्री कार्यालयों, जमीन खरीदारों और विक्रेताओं को नोटिस भेजा जा रहा है। जांच में यदि किसी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कुछ मामलों में तो डुप्लीकेट पैन कार्ड का उपयोग भी पाया गया है, जिससे आय छिपाने और कर चोरी की पुष्टि होती है।


विशेष रूप से पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी और सीतामढ़ी जैसे सीमावर्ती जिलों के अवर निबंधन कार्यालयों में आयकर विभाग ने सर्वेक्षण किया। इस दौरान यह पाया गया कि 30 लाख से अधिक की जमीन खरीद-फरोख्त की जानकारी आयकर विभाग को दी ही नहीं गई, जबकि नियमों के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में विभाग को एसएफटी (Statement of Financial Transaction) की रिपोर्ट देना अनिवार्य होता है।


जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कई सौदों में 10 से 20 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीद के बावजूद पैन नंबर या फॉर्म 60 अंकित नहीं किया गया। इससे कर चोरी के साथ-साथ नकद लेन-देन और काले धन के इस्तेमाल की आशंका और गहराती है। कुछ सौदों में दो लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद दिए जाने की पुष्टि भी हुई है, जो आयकर नियमों का सीधा उल्लंघन है।


आयकर विभाग अब इन सभी संदिग्ध सौदों की गहराई से जांच कर रहा है। साथ ही, जिन निबंधन कार्यालयों ने जानबूझकर जानकारी छिपाई या नियमों की अनदेखी की, उनके खिलाफ भी विभाग संवैधानिक कार्रवाई की तैयारी में है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे और तेज किया जाएगा ताकि भूमि खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाई जा सके और काले धन पर लगाम लगाई जा सके।