ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: चिराग को दुख हो रहा है तो NDA से अलग क्यों नहीं हो जाते? प्रशांत किशोर का तीखा तंज Bihar Politics: चिराग को दुख हो रहा है तो NDA से अलग क्यों नहीं हो जाते? प्रशांत किशोर का तीखा तंज Ahmedabad Air India Plane Crash:166 पीड़ित परिवारों को एअर इंडिया ने दिया मुआवजा, 52 मृतकों के परिजनों को भी जल्द मिलेगा इतना पैसा Bihar Politics: फूलन देवी स्मृति सभा में शामिल हुए VIP प्रमुख मुकेश सहनी, वीरांगना को बताया प्रेरणास्रोत Bihar Politics: फूलन देवी स्मृति सभा में शामिल हुए VIP प्रमुख मुकेश सहनी, वीरांगना को बताया प्रेरणास्रोत Bihar Teacher Fraud: बिहार में फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षक होंगे बेनकाब, अबतक 16 हजार से अधिक पर केस दर्ज Bihar Teacher Fraud: बिहार में फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षक होंगे बेनकाब, अबतक 16 हजार से अधिक पर केस दर्ज Bihar Crime News: बिहार के पैक्स अध्यक्ष की दबंगई, गाड़ी से टक्कर मारने के बाद युवक को बेरहमी से पीटा; वीडियो वायरल Bihar Crime News: बिहार के पैक्स अध्यक्ष की दबंगई, गाड़ी से टक्कर मारने के बाद युवक को बेरहमी से पीटा; वीडियो वायरल INDvsENG: मैनचेस्टर टेस्ट के बीच भारतीय गेंदबाजों पर बरसे विराट कोहली के भाई, फैंस ने कहा "ठीक ही तो कह रहा बंदा"

Bihar Ips News: निलंबित IPS आदित्य पर सरकार सख्त, 180 दिन बढ़ी सस्पेंशन अवधि

आदित्य जब गया के SSP थे तब उन पर शराब माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच मगध रेंज के IG ने की थी, जिन्होंने इन आरोपों को सही पाया था। फतेहपुर थाने में FIR दर्ज होने के बाद 2022 में सस्पेंड किया गया था।

BIHAR POLICE

05-Apr-2025 09:04 PM

By First Bihar

Bihar Ips News: 2011 बैच के निलंबित IPS आदित्य कुमार की सस्पेंशन अवधि 180 दिन यानि 6 महीने के लिए बढ़ा दी गयी है। गृह विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी किया है। बता दें कि 2022 में बिहार सरकार ने कार्रवाई करते हुए गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार और पूर्णिया के वर्तमान एसपी दयाशंकर को सस्पेंड किया था।. गृह विभाग से निर्देश मिलने के बाद यह कदम उठाया गया था। 


आदित्य कुमार 2011 बैच के आईपीएस अफसर थे। उन पर आरोप था कि जब वो गया के एसएसपी थे, तब उन्होंने शराब माफिया को संरक्षण दिया था। इस मामले की जांच मगध रेंज के आईजी ने की थी, जिन्होंने आरोपों को सही पाया था। इसके बाद गया के फतेहपुर थाने में आदित्य कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 


दोनों आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और दयाशंकर पर गंभीर आरोप थे। एक पर आय से अधिक संपत्ति तो दूसरे के दोस्त पर जज बनकर डीजीपी को अफसर के खिलाफ चल रहे केसों को बंद करने के लिए फोन करने का आरोप था। बिहार सरकार ने दोनों आईपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए दो साल पहले सस्पेंड कर दिया था। दोनों पर ही गंभीर आरोप थे, जिसकी वहज से विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर बना हुआ था।


आदित्य कुमार एंव अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने आर्थिक अपराध थाना कांड सं० 33/2022, दिनांक 15.10.2022, धारा 353/387/419/420/467/468/120 (B) भा०द०वि० एवं 66(c) एवं 66(D) IT Act, 2000 दर्ज किया था। आदित्य कुमार के खिलाफ उक्त थाना कांड दर्ज होने एवं मामला अनुसंधान में होने तथा उसमें निहित अरोपों की गंभीरता एवं प्रकृति पर विचारोपरांत राज्य सरकार द्वारा अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3 (3) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए विभागीय संकल्प सं0 10537, दिनांक 18.10.2022 के माध्यम से आदित्य कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था।


आदित्य कुमार के निलंबन की आरंभिक 60 दिनों की अवधि, जो दिनांक 16.12.2022 को पूरी हो रही थी, उसे आगे निलंबन के विस्तारण की आवश्यकता के संबंध में निलंबन समीक्षा समिति द्वारा दिनांक 16.12.2022 के आगे पाँच (5) विस्तारण (120+180+180+180+180 दिन) किया गया और अद्यतन विस्तारण विभागीय संकल्प सं0 11761, दिनांक 04.10.2024 द्वारा दिनांक-05.04.2025 तक है। 18.10.2022 से निलम्बित आदित्य कुमार द्वारा अपने निर्धारित मुख्यालय-पुलिस महानिरीक्षक, केन्द्रीय क्षेत्र, पटना के कार्यालय में लगभग 8 (आठ) माह बाद दिनांक 19.06.2023 को योगदान किया गया। उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के पश्चात् श्री कुमार दिनांक 05.12.2023 को माननीय अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी-प्रथम के न्यायालय, पटना में आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में केन्द्रीय कारा, बेउर, पटना में दिनांक 25.04.2024 तक संसीमित थे। 


जमानत पर मुक्त होने के पश्चात् श्री कुमार पुनः दिनांक 26.04. 2024 को अपने निर्धारित मुख्यालय में योगदान किये। आदित्य कुमार के विरूद्ध उक्त गंभीर आरोपों के लिए अखिल भारतीय सेवाएँ (आचरण) नियमावली, 1968 के संगत नियमों के उल्लंघन के आरोपों के लिए विभागीय ज्ञापन सं0 4103, दिनांक 25.03.2025 द्वारा "आर्टिकल्स ऑफ चार्ज", एवं "स्टेटमेण्ट ऑफ इम्प्यूटेशन्स ऑफ मिसबिहेवियर एण्ड मिसकन्डक्ट" साक्ष्य / गवाह तालिका सहित निर्गत करते हुए अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 8 (5) के तहत 30 दिनों के अंदर बचाव-बयान समर्पित करने का अवसर प्रदान किया गया। बचाव-बयान अप्राप्त है।


आदित्य कुमार के विरूद्ध एक अन्य आरोप के लिए विभागीय ज्ञापन सं0 6933, दिनांक 10.07. 2022 एवं तदसंबंधी संकल्प सं0-234, दिनांक 06.01.2023 के माध्यम से संचालित विभागीय कार्यवाही जाँच पदाधिकारी के समक्ष प्रक्रियाधीन है। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पत्रांक 82/ गो०, दिनांक 04.04.2025 के माध्यम से प्रतिवेदित किया गया है कि प्राथमिकी अभियुक्त श्री आदित्य कुमार के विरूद्ध आरोप पत्र संख्या-04/2024, दिनांक-01.03.2024 अन्तर्गत धारा-353/387/419/420/467/468/120 (B)/201 भा०द०वि० एवं 66 (c) एवं 66 (D) IT Act, 2000 न्यायार्थ विचारण हेतु माननीय अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम, पटना के न्यायालय में समर्पित किया जा चुका है। 


प्राथमिकी नामजद अभियुक्त के विरूद्ध बिहार सरकार गृह विभाग (विशेष शाखा) के पत्र संख्या-ई०/अभियोजन-05/2023/2717, दिनांक-28.03.2024 द्वारा विधि विभाग, बिहार, पटना द्वारा निर्गत अभियोजन स्वीकृत्यादेश सं०-एस०पी० (नि०)-04/2024-31/ जे0, दिनांक-06.03.2024 प्राप्त हुई, जिसे मूल में माननीय न्यायालय, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम, पटना को समर्पित किया गया है। माननीय न्यायालय द्वारा आदित्य कुमार, भा०पु० से० (2011) के विरूद्ध संज्ञान एवं आरोप गठन की कार्रवाई भी की जा चुकी है। आदित्य कुमार द्वारा उक्त निलंबन एवं उसके विस्तारण के विरूद्ध माननीय केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, पटना पीठ, पटना में ओ०ए० सं०-907/2024 दायर की गयी। उक्त ओ०ए० में माननीय न्यायाधिकरण द्वारा दिनांक 20.03.2025 को आदेश पारित किया गया।


उक्त आदेश में माननीय न्यायाधिकरण ने अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील),नियमावली-1969 के नियम-3 (1B) में वर्णित प्रावधान के अनुसार श्री कुमार के मामले को गैर भ्रष्टाचार का मामला मानते हुए उनके निलंबन के विस्तारण में केन्द्रीय समीक्षा समिति के बदले राज्य समीक्षा समिति की अनुशंसा को सही नहीं माना है। जबकि श्री कुमार का निलंबन उक्त नियमावली के नियम-3 (3) के तहत हुआ है। इस संबंध में गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पत्रांक 26011/42/2022-IPS.II, दिनांक 11.11.2022 द्वारा भी संसूचित है कि अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3 (3) में वर्णित प्रावधानों के आलोक में आपराधिक आरोपों के लिए निलंबित आदित्य  कुमार के विरूद्ध आपराधिक वादों के निष्पादन तक उन्हें निलंबन में बनाये रखने हेतु राज्य सरकार सक्षम प्राधिकार है और उनका निलंबन अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3(8) के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा के अध्यधीन होगी। इस प्रकार राज्य समीक्षा समिति द्वारा पूर्व में की गयी अनुशंसा संगत प्रावधानों के अधीन है। तदालोक में माननीय न्यायाधिकरण के आदेश के विरूद्ध अपील दायर करने की कार्रवाई की जा रही है।


आदित्य कुमार के निलंबन अवधि की समीक्षा हेतु दिनांक 04.04.2025 को निलंबन समीक्षा समिति की बैठक आहूत की गयी। आर्थिक अपराध इकाई के पत्र दिनांक 04.04.2025 द्वारा प्रतिवेदित सूचनानुसार निलंबन समीक्षा समिति द्वारा पाया गया कि श्री आदित्य कुमार, भा०पु० से० (2011) एवं अन्य के विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही वर्तमान में न्यायालय में चल रही है। आदित्य कुमार, भा०पु०से० (2011) के निलंबन को बनाये रखने का पर्याप्त औचित्य / आधार है।


इस मामले के सभी बिन्दुओं पर सम्यक विचारोपरांत निलंबन समीक्षा समिति द्वारा श्री आदित्य कुमार, भा०पु०से० (2011) के निलंबन की अवधि दिनांक 05.04.2025 के आगे 180 दिनों तक विस्तारण की अनुशंसा की गयी, जिसे अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3 (8) (d) के तहत श्री आदित्य कुमार, भा०पु०से० (2011) के निलंबन अवधि को दिनांक 05.04.2025 के आगे 180 दिनों तक अर्थात् दिनांक 02.10.2025 तक विस्तारित की जाती है। निलंबन अवधि में श्री कुमार को अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 4 के अधीन मात्र जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।