ब्रेकिंग न्यूज़

GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी

इंश्योरेंस कंपनियों को IRDAI की चेतावनी, पॉलिसीहोल्डर्स को लाभ न मिलने पर सीमाएं वापस हो सकती हैं

IRDAI का मानना है कि बीमा कंपनियों ने इस छूट का गलत इस्तेमाल किया है और कमिशन में अत्यधिक वृद्धि की है, जबकि ऑपरेशनल खर्चों में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं आई है।

Insurance IRDA

04-Mar-2025 04:58 PM

By First Bihar

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने हाल ही में बीमा कंपनियों के साथ अपनी तिमाही बैठक में महत्वपूर्ण चेतावनी दी। IRDAI ने बीमा कंपनियों को कमिशन पर सीमा लागू करने और उसका लाभ पॉलिसीहोल्डर्स को देने की सख्त हिदायत दी है।

इससे पहले, अप्रैल 2023 में IRDAI ने व्यक्तिगत बिजनेस सेगमेंट में कमिशन की सीमा हटा दी थी और इसके स्थान पर कुल खर्चों पर एक लिमिट तय की थी। यह नियम बीमाकर्ता की ओर से किए गए कमिशन और अन्य ऑपरेशनल कॉस्ट को शामिल करते हुए यह तय किया गया कि सामान्य बीमाकर्ता के मामले में सकल प्रीमियम का 30% से ज्यादा और एक स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता के लिए 35% से ज्यादा खर्च नहीं हो सकता।

हालांकि, अप्रैल 2023 से पहले, स्वास्थ्य बीमा और मोटर इंश्योरेंस पर कमिशन सकल प्रीमियम का लगभग 19.5% था, जिसमें 15% कमिशन और 4.5% रिवॉर्ड शामिल था।

सूत्रों के अनुसार, IRDAI का मानना है कि बीमा कंपनियों ने इस छूट का गलत इस्तेमाल किया है और कमिशन में अत्यधिक वृद्धि की है, जबकि ऑपरेशनल खर्चों में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं आई है। परिणामस्वरूप, इंश्योरेंस की लागत में कोई कमी नहीं आई और इसका पूरा लाभ एजेंटों को मिल गया, न कि पॉलिसीहोल्डर्स को।

IRDAI ने बीमा कंपनियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर यह लाभ पॉलिसीहोल्डर्स तक नहीं पहुंचाया गया, तो 2026 में इस फैसले की समीक्षा के बाद व्यक्तिगत कैटेगरी पर कमिशन की सीमाएं फिर से लागू की जा सकती हैं।

यह कदम भारतीय बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और पॉलिसीहोल्डर्स के हितों को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।