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IAS अधिकारी KK पाठक की बिहार से विदाई, अब केंद्र में निभाएंगे नई जिम्मेदारी

बिहार में केके पाठक की पहचान एक कड़क और निडर अधिकारी के तौर पर रही है। जो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करते थे। शराबबंदी कानून में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।

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26-Apr-2025 09:40 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार में प्रशासनिक कड़ाई और अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर आईएएस अधिकारी डॉ. के. के. पाठक अब राज्य सेवा से विदा ले चुके हैं। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें औपचारिक रूप से रिलीज कर दिया है। अब वे केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव के पद की जिम्मेदारी निभाएंगे। 


1990 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ.केके पाठक उन अधिकारियों में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपने सख्त प्रशासनिक रवैये, अनुशासनप्रियता और ईमानदारी से बिहार की प्रशासनिक छवि को नई दिशा देने का प्रयास किया। बिहार में केके पाठक की पहचान एक कड़क और निडर अधिकारी के तौर पर रही है। जो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करते थे। शराबबंदी कानून में उनकी प्रमुख भूमिका रही है। 


डॉ. केके पाठक ने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू करवाने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने इसके क्रियान्वयन को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस व प्रशासनिक तंत्र को निर्देशित किया था और कई जिलों में औचक निरीक्षण भी किए थे। यही नहीं शिक्षा विभाग को भी उन्होंने सुधार दिया। 


शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहते हुए केके पाठक शिक्षकों की लापरवाही पर लगाम कसने और स्कूलों में अनुशासन लाने के लिए कई कड़े फैसले लिये। कई बार वे खुद अचानक स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच जाते थे और अधिकारियों की क्लास लगा देते थे।


राजस्व परिषद में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। जहां बिहार राजस्व पर्षद में वो अपर सचिव के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने भूमि विवादों और मापी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया था। अब बिहार सरकार की ओर से उन्हें रिलीज कर दिया गया है। अब वो जल्द ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे और जल्द ही अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे।


बता दें कि डॉ. केके पाठक का रिटायरमेंट भी नजदीक है, ऐसे में उनकी बिहार प्रशासनिक सेवा में वापसी की संभावना बहुत कम मानी जा रही है। यह विदाई उनके प्रशंसकों और राज्य प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक युग का अंत माना जा सकता है। डॉ. केके पाठक की कार्यशैली को लेकर लोगों की अलग-अलग सोच है..कुछ लोग उन्हें एक बेहद ईमानदार और निडर अफसर मानते हैं तो कोई उन्हें कड़क अफसर मानता है। नियम कानून से काम करने वाले और सख्त और कड़वे व्यवहार को लेकर केके पाठक अक्सर चर्चा में बने रहते थे। उनके जाने के बाद कई लोग कह रहे हैं कि "बहुत याद आएंगे केके पाठक”..