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Bihar Transport: परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार केस के दागियों का 'प्रमोशन प्लान'...तेजी से तैयार हो रही फाइल ! तब CM नीतीश के करप्शन पर जीरो टॉलरेंस नीति का क्या होगा ?

परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपित सरकारी सेवकों को प्रमोट करने की तैयारी तेज हो गई है। निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई की जांच के बावजूद दागियों को अधिकारी ग्रेड में प्रमोशन देने की कोशिश से नीतीश सरकार के सुशासन पर सवाल उठ रहे हैं।

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12-Jun-2025 07:42 PM

By Viveka Nand

Bihar Transport: बिहार में कहने को सुशासन की सरकार है. यहां भ्रष्टाचारियों का साम्राज्य है. सरकारी सेवक पहले दोनों हाथ से माल बटोरते हैं, उसमें से थोड़े खर्च कर खुद को बचाने की कोशिश करते हैं. दिखावे के लिए जांच एजेंसियां कार्रवाई भी करती हैं, लेकिन उन माफियाओं पर कोई असर नहीं होता. हालात ऐसे हो गए हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपी सरकारी सेवक, जिनके खिलाफ अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में निगरानी या आर्थिक अपराध इकाई कार्रवाई करती हैं, उनको बचाने की भरपूर कोशिश होती है. पहले तो विभागीय कार्यवाही को देरी की जाती है, इतने से मन नहीं भरता तो करप्शन के आरोपी सरकारी सेवकों को प्रमोशन देने की रणनीति पर काम किया जाता है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि परिवहन विभाग में अंदर ही अंदर यह खेल चल रहा है. एक ही जमात के दागियों के दाग को धोने की पूरी तैयारी है. 

विभाग में प्रमोशन देने की फाइल दौड़ाई जा रही-सूत्र 

विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि परिवहन विभाग के वैसे सरकारी सेवक जिनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई या निगरानी ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की. रेड में आय से काफी अधिक धन अर्जित करने का पता चला, अब उन्हें सम्मानित करने यानि प्रमोट करने की कोशिश की जा रही है. खबर है कि परिवहन विभाग के जो सरकारी सेवक जिनके खिलाफ जिस पद पर रहते हुए अकूत संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज हुआ, अब उन्हें उससे ऊपरी पद पर प्रमोशन देने की फाइल तैयार की जा रही है. सचिवालय के सूत्र बताते हैं कि प्रमोशन वाली फाइल तैयार की जा रही है. जल्द ही दागी सरकारी सेवक जो पर्यवेक्षकीय संवर्ग के हैं, उन्हें अधिकारी ग्रेड में प्रमोशन दिया जा सकता है. सबकुछ ठीक रहा तो इसी महीने सारे दाग धूल जाएंगे और वो पर्यवेक्षकीय संवर्ग के सरकारी सेवक अधिकारी बन जायेंगे. 

परिवहन विभाग के कुछ सरकारी सेवकों का दाग धोने की तैयारी 

जानकार बताते हैं कि वैसे तो परिवहन विभाग में कई ऐसे सरकारी सेवक हैं, जिन पर करप्शन के गंभीर केस हैं. इनमें से 2-3 को प्रमोट करने की तैयारी है. इसके लिए पूरी फिल्डिंग सजा दी गई है. प्रमोशन देने के लिए तरह-तरह के प्रमाण भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं. लेकिन सवाल यही है कि सिर्फ दो-तीन सरकारी सेवकों पर इतनी कृपा बरसाने के पीछे की क्या वजह है ? जानकार बताते हैं कि भ्रष्टाचार केस के आरोपी जिन्हें प्रोन्नति देने की प्लानिंग है, उनके लिए फील्ड सजाने का काम एक पूर्व अधिकारी ने कर दिया है. 

2-3 का प्रमोशन होगा तो अन्य का क्यों नहीं..?  उठेंगे गंभीर सवाल 

हालांकि परिवहन विभाग ने भ्रष्टाचार केस के कुछ दागियों को बिना विभागीय कार्यवाही पूर्ण हुए प्रमोट किया तो गंभीर सवाल उठेंगे. साथ ही नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुल जायेगी. भ्रष्टाचार पर सरकार के जीरो टॉलरेंस की हवा निकल जायेगी. अगर इन सरकारी सेवकों का मिशन कामयाब हुआ तो विभाग के अन्य सरकारी सेवक जिन पर भ्रष्टाचार के दाग हैं, उन्हें प्रमोशन नहीं देने पर विभाग के बड़े अधिकारी ही सवालों के घेरे में होंगे. अब देखना होगा विभाग क्या निर्णय लेता है.