भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब
15-Apr-2025 07:14 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के विकास की रफ्तार लगातार जारी है। मेडिसीन के क्षेत्र में बिहार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देशभर के सभी राज्यों को पछाड़कर बिहार पूरे देश में अव्वल राज्य बन गया है। बिहार ने पिछले दो दशक में मेडिसीन के क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की है।
दरअसल, बिहार बना मुफ्त दवा आपूर्ति में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर वर्ष 2005 में स्वास्थ्य सुधार की एक नई दिशा की शुरुआत हुई थी। इस महत्वपूर्ण कदम ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को व्यापक रूप से सुदृढ़ किया और मुफ्त दवा नीति को नई मजबूती प्रदान की।
आज बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन चुका है जो 611 प्रकार की औषधियां मरीजों को बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराता है। इन दवाओं में कैंसर, हृदय रोग, वायरल संक्रमण सहित सभी प्रमुख बीमारियों की औषधियां शामिल हैं।
राज्य सरकार के प्रयासों का प्रभाव साफ नजर आता है। पिछले 20 वर्षों में सरकारी अस्पतालों से दवा आपूर्ति में 10 गुणा वृद्धि दर्ज की गई है। बीते 5 वर्षों में मुफ्त दवा नीति के तहत दवा आपूर्ति और वितरण पर खर्च 10 गुणा तक बढ़ा है। जहां पहले यह खर्च सीमित था, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर लगभग 762 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह खर्च 1100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह स्वास्थ्य सेवाओं में हुए गुणवत्तापूर्ण सुधार का प्रमाण है। वर्ष 2005 से पहले जहां सरकारी अस्पतालों में जीवनरक्षक दवाएं उपलब्ध नहीं थीं, वहीं अब मरीजों को ये दवाएं मुफ्त मिल रही हैं, जिससे खासतौर पर गरीब तबके को आर्थिक राहत मिली है।
केंद्र सरकार के डीवीडीएमएस (Drugs and Vaccine Distribution Management System) पोर्टल के अनुसार, बिहार लगातार पांचवें महीने देश में दवा आपूर्ति और वितरण के क्षेत्र में पहले स्थान पर बना हुआ है। यह उपलब्धि राज्य सरकार की स्वास्थ्य सुधार के प्रति सशक्त प्रतिबद्धता को दर्शाती है।