PATNA METRO : पटना मेट्रो अपडेट: मात्र 20 मिनट में पूरी होगी आपकी यात्रा, जानिए टाइमिंग और किराया Bihar News: UPI फ्रॉड में लिप्त साइबर ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गिरोह की तलाश जारी Bihar Scholarship Scheme : 10 लाख छात्राओं को मिलेगा प्रोत्साहन राशि का लाभ, जल्द खातों में पहुंचेगा पैसा Mahila Rojgar Yojana: महिला रोजगार योजना: शहरी महिलाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू, जानें नियम और लाभ Bihar Crime News: बिहार में जमीन विवाद बना खूनी संघर्ष, खेत के पास युवक को गोलियों से भूना Bihar News: सीतिश हत्याकांड पर आक्रोश, शव बरामद नहीं होने से लोगों में नाराजगी; पुलिस पर लापरवाही का आरोप Bihar News: पटना में पुलिस दारोगा का कारनामा, चेकिंग के दौरान बरामद 20 लाख रुपए गायब कर दिए Bihar Teacher News: छह लाख शिक्षकों की वरीयता पर बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग ने गठित की समिति अजय सिंह की योजना से पकड़ी पंचायत से 150 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन को रवाना EOU की बड़ी कार्रवाई: आधार फर्जीवाड़े मामले में मधेपुरा से 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार
19-Jun-2025 12:21 PM
By First Bihar
INDvsENG: भारतीय क्रिकेट टीम 20 जून 2025 से इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की रोमांचक सीरीज शुरू करने जा रही है। यह सीरीज न केवल 2025-27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा है, बल्कि शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत भी है। हालांकि, यह सही है कि इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।
इस दौरे पर भारतीय टीम की कुछ कमजोरियां ऐसी हैं, जो उनकी जीत की राह में बाधा बन सकती हैं। ऐसे में शुभमन गिल का इस सीरीज को जीतकर इतिहास रचने का सपना बस सपना ही रह जाएगा। तो जानते हैं उन पांच प्रमुख कमजोरियों के बारे में और उनके समाधान पर भी एक बार नजर डालते हैं।
जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के सबसे बड़े हथियार हैं। उनकी तेजी, स्विंग और सटीकता किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर सकती है। लेकिन, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने पहले ही संकेत दे दिया है कि बुमराह शायद सभी पांच टेस्ट नहीं खेलेंगे। खुद बुमराह ने भी पुष्टि की है कि वह केवल तीन टेस्ट में ही हिस्सा लेंगे। ऐसे में मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर जैसे गेंदबाजों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। अगर ये गेंदबाज बुमराह की गैरमौजूदगी में प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए, तो भारतीय टीम मुश्किल में पड़ सकती है।
समाधान
अन्य तेज गेंदबाजों को अभ्यास मैचों और घरेलू क्रिकेट में अधिक जिम्मेदारी दी जाए, ताकि वे दबाव में प्रदर्शन करने के लिए अच्छे से तैयार हों।
स्विंग गेंदबाजी
इंग्लैंड की पिचें तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्ग मानी जाती हैं। ड्यूक्स गेंद के साथ स्विंग और उछाल भारतीय बल्लेबाजों के लिए हमेशा चुनौती भरा रहा है। कप्तान शुभमन गिल सहित कई भारतीय बल्लेबाज स्विंग गेंदों के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए हैं। हालांकि, करुण नायर और केएल राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों से उम्मीदें हैं।
समाधान
बल्लेबाजों को स्विंग गेंदबाजी का सामना करने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं। इंग्लैंड की परिस्थितियों को अनुकरण करने वाली पिचों पर अभ्यास करना काफी फायदेमंद होगा।
शुभमन गिल
नए कप्तान शुभमन गिल बेहद प्रतिभाशाली हैं इस बात में कोई शक नहीं, लेकिन विदेशी पिचों पर उनका टेस्ट औसत केवल 35 का है। खासकर स्विंग गेंदों के खिलाफ उनकी तकनीक में सुधार की जरूरत है। गिल को 2018 वाले विराट कोहली की तरह प्रदर्शन करना होगा, जिन्होंने इंग्लैंड में 593 रन बनाकर अपनी काबिलियत साबित की थी।
समाधान
गिल को मानसिक और तकनीकी रूप से मजबूत करने के लिए कोच गौतम गंभीर और मेंटल कंडीशनिंग कोच के साथ विशेष सत्र आयोजित किए जाएं।
फील्डिंग
भारतीय टीम की फील्डिंग हमेशा से चर्चा का विषय रही है। विराट कोहली की मौजूदगी में फील्डिंग में जोश और ऊर्जा दिखाई देती थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में यह देखना होगा कि युवा खिलाड़ी इस कमी को कैसे पूरा करते हैं। इंग्लैंड में ड्यूक्स गेंद तेजी से स्विंग करती है और तेज हवाओं के कारण कैच पकड़ना मुश्किल हो जाता है। खासकर स्लिप कॉर्डन में चुस्ती की जरूरत ज्यादा होगी।
समाधान
फील्डिंग कोच टी. दिलीप के नेतृत्व में स्लिप कैच और हाई कैच के लिए विशेष अभ्यास सत्र आयोजित किए जाएं। युवा खिलाड़ियों को फील्डिंग में जोश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
अनुभव की कमी
विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय बल्लेबाजी क्रम में अनुभव की कमी साफ दिख रही है। यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन और नितीश रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ी प्रतिभाशाली हैं, लेकिन इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनका दबाव में प्रदर्शन करना एक बड़ा सवाल है। केएल राहुल और ऋषभ पंत पर अनुभवी बल्लेबाजों की भूमिका निभाने की अहम जिम्मेदारी होगी।
समाधान
युवा बल्लेबाजों को दबाव की स्थिति में खेलने के लिए अभ्यास मैचों में मौके दिए जाएं। अनुभवी खिलाड़ियों को मेंटर की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।