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Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी 2025 के महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन के लिए समर्पित होती है। यह दिन भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर होता है, जब वे अपने मन की शुद्धि, पापों की मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति करते हैं।

Jaya Ekadashi 2025

03-Feb-2025 06:40 AM

By First Bihar

Jaya Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु के विशेष पूजन का दिन मानी जाती है। हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी को विशिष्ट पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व है। एकादशी व्रत का पालन करने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।


जया एकादशी का महत्व:

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने से न केवल भौतिक सुख प्राप्त होते हैं, बल्कि आत्मिक शांति और मानसिक शुद्धता भी मिलती है। एकादशी के व्रत से साधक को जीवन के समस्त दुखों और संकटों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही यह व्रत पापों से मुक्ति का भी उपाय माना जाता है।


जया एकादशी कब मनाई जाती है?

जया एकादशी का व्रत माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह तिथि 7 फरवरी को रात 9:26 बजे से प्रारंभ होगी और 8 फरवरी को रात 8:15 बजे तक रहेगी। हालांकि, एकादशी की तिथि सूर्योदय से मानी जाती है, इसलिए जया एकादशी 8 फरवरी को मनाई जाएगी।


जया एकादशी व्रत पूजा विधि:

स्नान और शुद्धता: इस दिन प्रातःकाल उठकर नित्य कर्मों के बाद शुद्ध होकर व्रत की शुरुआत करें। पवित्रता का ध्यान रखते हुए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।

व्रत का संकल्प: एकादशी का व्रत लेने के लिए मन में दृढ़ संकल्प करें। व्रत के दौरान विशेष आहार-न्यास का पालन करें, जैसे अन्न का त्याग और फलाहार का सेवन।

भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा: इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा करनी चाहिए। दीपमालिका, अगरबत्ती, पुष्प और फल अर्पित करें।

प्रसाद का वितरण: पूजा के बाद, श्रद्धा भाव से प्रसाद का वितरण करें। खासकर ब्राह्मणों को भोजन कराने का महत्व है।


शुभ मुहूर्त (Jaya Ekadashi 2025):

सूर्योदय: सुबह 7:05 बजे

सूर्यास्त: शाम 6:06 बजे

चन्द्रोदय: दोपहर 1:50 बजे

चंद्रास्त: सुबह 4:44 बजे

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:21 बजे से 6:13 बजे तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:26 बजे से 3:10 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:04 बजे से 6:30 बजे तक

निशिता मुहूर्त: रात 12:09 बजे से 1:01 बजे तक

जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का अवसर है। इस दिन व्रत और पूजा करने से न केवल भौतिक सुख प्राप्त होते हैं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी मिलती है। इस दिन के व्रत का पालन करने से साधक को जीवन में सुख-समृद्धि, धन, और पापों से मुक्ति मिलती है।