ब्रेकिंग न्यूज़

मुजफ्फरपुर: पशु व्यवसायी से लूट का आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, कैश भी बरामद सरैया बाजार से अयोध्या के लिए 17वां जत्था रवाना, अजय सिंह का हुआ जोरदार स्वागत Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला बड़हरा में माई-बहन सम्मान योजना को मिला जबरदस्त समर्थन, 50 हज़ार से अधिक फॉर्म जमा Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल

Chanakya Niti: इन 4 जगहों पर भूलकर भी न खोलें अपना मुंह, वरना टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी जीवन को सफल और सुरक्षित बनाने में मार्गदर्शक साबित होती हैं। उन्होंने कुछ ऐसे हालात बताए हैं जहां पर चुप रहना ही समझदारी होती है।

चाणक्य नीति, Chanakya Niti, मुंह खोलना, कब चुप रहें, जीवन की नीतियां, Chanakya Tips, झगड़ा, परेशानी, आत्मप्रशंसा, अधूरी जानकारी, सफल जीवन, व्यवहार की बातें, ancient Indian wisdom, Acharya Chanakya, si

01-May-2025 12:49 PM

By First Bihar

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को प्राचीन भारत के महानतम विचारकों और नीतिकारों में गिना जाता है। उन्होंने अपने जीवन अनुभवों से जो शिक्षाएं दीं, वे आज भी "चाणक्य नीति" के रूप में लोगों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई हैं।


 चाणक्य ने अपनी नीतियों में कुछ ऐसी जगहों और परिस्थितियों का उल्लेख किया है, जहां व्यक्ति को चुप रहना चाहिए, वरना मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है। आइए जानते हैं वो कौन सी 4 जगहें हैं, जहां हमें   भूलकर भी अपना मुंह नहीं खोलना चाहिए: 


 दूसरों के झगड़े में ना दें राय

अगर दो लोग आपस में झगड़ रहे हों, तो चाणक्य नीति के अनुसार वहां चुप रहना ही बुद्धिमानी है। बीच में बोलने से आप खुद विवाद का हिस्सा बन सकते हैं, और स्थिति बिगड़ सकती है।

 जब कोई अपनी परेशानी साझा कर रहा हो

जब कोई व्यक्ति आपसे अपनी समस्याएं साझा कर रहा हो, तो चुप रहकर उसे ध्यान से सुनना चाहिए। ऐसे समय में अपनी राय या सुझाव देने से व्यक्ति को असहजता या उपेक्षा महसूस हो सकती है।

जब कोई अपनी तारीफ कर रहा हो 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति खुद की तारीफ कर रहा हो, तो उस वक्त चुप रहना चाहिए। इस समय बोले गए शब्द कई बार सामने वाले को अपमानजनक भी लग सकते हैं।

 जब जानकारी अधूरी हो

यदि किसी विषय पर आपकी जानकारी अधूरी है, तो चुप रहना ही बेहतर है। अधूरी जानकारी के आधार पर बोलने से लोग मजाक बना सकते हैं और आपकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान हो सकता है। चाणक्य नीति सिखाती है कि कब बोलना है और कब चुप रहना है|  यही एक समझदार और सफल व्यक्ति की पहचान होती है। सही जगह पर मौन रहना कई बार बोलने से ज्यादा ताकतवर होता है। 


Disclaimer: यह लेख सामान्य मान्यताओं और सार्वजनिक ज्ञान पर आधारित है। First Bihar jharkhand इसकी पुष्टि नहीं करता।