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25-Jul-2025 11:52 AM
By FIRST BIHAR
PATNA: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर सनसनी फैला दिया है । पप्पू यादव ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान ऐसा बयान दे डाला है, जिसने राजनीतिक हलकों में विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा कि यदि तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं तो या तो वे उन्हें (पप्पू यादव) को मार देंगे या उन्हें राज्य छोड़ कर भाग जाना होगा. पप्पू ने कहा कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि एनडीए तो हार जाएगा.
इंटरव्यू में दिया गया बयान
एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में पप्पू यादव से जब यह पूछा गया कि अगर तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं, तब उनका क्या हश्र होगा, तो उन्होंने सीधा और चौंकाने वाला उत्तर दिया— "या तो वो (तेजस्वी) हमको मार देंगे, या हम बिहार छोड़कर चले जाएंगे। लेकिन संविधान विरोधी तो हारेगा, देश विरोधी हारेगा, गरीब विरोधी हारेगा।" उनसे फिर से ये बात पूछी गई तो भी उन्होंने यही बात दोहराई और कहा कि वे व्यक्तिगत क्षति को सहने को तैयार हैं, लेकिन राजनीतिक सिद्धांतों पर समझौता नहीं करेंगे।
चैनल पर लगाया तोड़-मरोड़ का आरोप
इस विवाद के बाद पप्पू यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर बयान जारी कर सफाई दी। उन्होंने न्यूज चैनल पर आरोप लगाया कि उनकी बात को संदर्भ से काटकर प्रस्तुत किया गया है। "न्यूज़ चैनल टीआरपी के लिए मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर झूठा प्रचार कर रहा है। यह एक राष्ट्रीय प्रसारण के लिए शोभनीय नहीं है। कार्यक्रम में मैंने एक हास्य व्यंग्य किया था, जिसे गलत तरीके से पेश किया गया।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ पत्रकारों को अब व्यंग्य और हल्के-फुल्के मज़ाक की समझ भी नहीं रह गई है।
तेजस्वी को सीएम फेस मानने से पहले भी किया था इनकार
यह पहला मौका नहीं है जब पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा मानने से इनकार किया हो। इससे पहले उन्होंने कभी राजेश राम का नाम प्रस्तावित किया तो कभी कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल मिलकर नेता तय करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राहुल गांधी इस विषय पर सभी दलों से विमर्श कर अंतिम फैसला करेंगे।
राजद का तीखा विरोध
पप्पू यादव के बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ चुकी है। पार्टी नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के एकमात्र सीएम उम्मीदवार हैं और इस पर कोई भ्रम नहीं है। राजद नेताओं ने पप्पू यादव को "बाहरी" नेता तक करार दे डाला और उनके बयान को गैर-जरूरी बताया।
पप्पू का विवादों से पुराना रिश्ता
पप्पू यादव और राजद के बीच राजनीतिक खटास कोई नई बात नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी उन्हें महागठबंधन से टिकट नहीं दिया गया था। पूर्णिया सीट को राजद के खाते में डालकर बीमा भारती को मैदान में उतारा गया। तेजस्वी और लालू यादव ने खुद पप्पू यादव को हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।
इससे पहले, पटना में एक रैली के दौरान राहुल गांधी की गाड़ी पर न पप्पू यादव को चढ़ने दिया गया और न ही कन्हैया कुमार को। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पप्पू को धक्का दिए जाने और कन्हैया को रोके जाने के दृश्य साफ़ नज़र आ रहे थे। यह घटना भी यह दर्शाती है कि महागठबंधन के भीतर गुटबाजी और सत्ता संघर्ष जारी है.
पप्पू यादव के ताजा बयान ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर एकता नहीं है। एक तरफ तेजस्वी यादव को लेकर राजद का अडिग रुख है, वहीं दूसरी ओर पप्पू यादव जैसे नेता उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीतिक रस्साकशी बिहार की सियासत को किस दिशा में ले जाती है।