ब्रेकिंग न्यूज़

Bhojpur police bribery : आरा में पुलिस की ट्रक चालकों से अवैध वसूली का वीडियो वायरल, अब SP ने लिया एक्शन Bihar News: बिहार में गुरुजी की शर्मनाक हरकत, डंडे के डर से छात्रों से ढुलवाई लकड़ी; वीडियो वायरल BIHAR ELECTION : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने CM नीतीश कुमार की अहम मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई ख़ास बातचीत India Nepal Trade Relations: नेपाल क्यों है भारत के लिए अहम? जानिए... दोनों देशों के बीच कितने का होता है ट्रेड Bihar Train News : बिहार में इस रूट पर चलेगी एक और राजधानी एक्सप्रेस, PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी iPhone 17: Apple ने लॉन्च की iPhone 17 सीरीज, बैटरी लाइफ में बड़ा सुधार; जानें... पूरी डिटेल BIHAR CRIME : केला काटने के विवाद में युवक की हत्या, घर से उठाकर ले गए बदमाश Bihar Assembly Election 2025: राहुल-खरगे की बैठक में चुनावी रणनीति तय, कांग्रेस शुरू करेगी मेगा रैलियां Patna mayor : पटना नगर निगम में मचा भूचाल ! खतरे में आई मेयर सीता साहू की कुर्सी, जारी हुआ नोटिस Bihar Assembly Election 2025: बिहार के 38 जिलों में तय हुए 90 हजार से ज्यादा बूथ, देखें जिलेवार पूरी लिस्ट

Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत अपने पड़ोसियों को तंग नहीं करता है लेकिन अगर ऐसा हो रहा है तो देश की सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए.

Mohan Bhagwat

26-Apr-2025 07:57 PM

By FIRST BIHAR

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत की शास्त्रार्थ परंपरा सत्य को सहमति से स्थापित करने की परंपरा है। इसी उद्देश्य से हिंदू मैनिफेस्टो प्रस्तावित किया गया है—यह एक प्रमाणिक पुस्तक है, जो व्यापक चर्चा और सहमति के लिए प्रस्तुत की गई है।


भागवत ने कहा कि भारत की प्राचीन दृष्टि पर आधारित जीवन व्यवस्था को फिर से स्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही पुस्तक के आठ सूत्र पूर्ण हैं, लेकिन उनके भाष्य समय और परिस्थिति के अनुसार बदल सकते हैं।


उन्होंने कहा कि पिछले 1500 वर्षों में कोई नया शास्त्र नहीं आया, जिसका परिणाम जाति व्यवस्था जैसे दोषों के रूप में सामने आया। आज वेदों के सही भाष्य की आवश्यकता है, क्योंकि शास्त्रों में जाति या अस्पृश्यता का कोई स्थान नहीं है—जैसा उडुपी के संत समाज ने भी कहा है।


भागवत ने यह भी कहा कि भौतिक सुख तो बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही असमानता और पर्यावरणीय क्षति भी बढ़ी है। ऐसे में भारत का यह कर्तव्य है कि वह दुनिया को एक नया, संतुलित मार्ग दिखाए। उन्होंने बताया कि 2000 वर्षों के आस्तिक, नास्तिक और जड़वादी प्रयोग असफल रहे हैं।


धर्म के विषय में उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे केवल कर्मकांड तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। धर्म का अर्थ है सत्य, करुणा और सुचिता। उन्होंने यह भी कहा कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, लेकिन आततायियों को दंड देना भी धर्म का ही अंग है। राजा का यह कर्तव्य है कि वह उपद्रव करने वालों को दंड दे और भ्रष्टाचारियों को न छोड़े।


अंत में उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपने धर्म को समझने की आवश्यकता है। हिंदू मैनिफेस्टो शास्त्रार्थ के माध्यम से शुद्ध परंपरा को उजागर करेगा और समयानुसार उसके स्वरूप को पुनः स्थापित करेगा। यह पुस्तक केवल भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए है, और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए।