ब्रेकिंग न्यूज़

गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा

आसमान से बरसी ‘आफत’, पश्चिम बंगाल में ठनका गिरने से 16 लोगों की मौत

आसमान से बरसी ‘आफत’, पश्चिम बंगाल में ठनका गिरने से 16 लोगों की मौत

13-Aug-2019 08:34 AM

By 13

DESK: पश्चिम बंगाल में ठनका गिरने से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सोमवार को राज्य के विभिन्न जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई है. आसमान से बरसी 'आफत' की चपेट में आने से पुरुलिया जिले में 9, दक्षिण 24 परगना जिले में 3, पश्चिम मेदिनीपुर जिले में 2 और पूर्व मेदिनीपुर और हुगली जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. आपको बता दें कि जुलाई में भी आकाशीय बिजली गिरने से कुल 52 लोगों की मौत हुई थी. मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक जलवायु परिवर्तन की वजह से आने वाले दिनों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में और भी इजाफा होने की आशंका है. मौसम विभाग द्वारा आकाशीय बिजली को लेकर चलाये जा रहे अभियान लाइटिंग रेसिलेंट इंडिया कैंपेन के संयोजक कर्नल संजय श्रीवास्तव ने बताया कि झारखंड की सीमा से सटे दक्षिण बंगाल के इलाके पुरुलिया, बर्दवान, आसनसोल वज्रपात वाले इलाके हैं. पहले भी इन इलाकों में अन्य स्थानों की तुलना में वज्रपात की घटनाएं ज्यादा घटती रही हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण ठनका गिरने की घटनाओं में और इजाफा हो सकता है.