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18-Sep-2025 03:49 PM
By First Bihar
BIHAR NEWS : बिहार सरकार ने युवाओं, महिलाओं और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास तेज कर दिए हैं। उद्योग विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही योजनाओं का उद्देश्य राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देना और नई पीढ़ी को उद्यमिता से जोड़ना है। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से अबतक लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में "मुख्यमंत्री उद्यमी योजना" लागू की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं और महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत अबतक 43,870 लाभुकों को कुल 3,125.52 करोड़ रुपये की परियोजना राशि वितरित की जा चुकी है।
योजना की विशेषता यह है कि लाभुकों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें आधी राशि (अधिकतम 5 लाख रुपये) अनुदान के रूप में दी जाती है और शेष राशि ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। खासकर युवा उद्यमियों के लिए इस ऋण पर मात्र 1 प्रतिशत ब्याज देना होता है, जिससे उन्हें व्यवसाय शुरू करने और विस्तार देने में कोई कठिनाई न हो।
उद्योग विभाग द्वारा हाल ही में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत चयनित 1,333 लाभुकों को द्वितीय किस्त के रूप में 62.10 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। इसमें अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग से 281, अति पिछड़ा वर्ग से 257, युवा वर्ग से 272, महिला वर्ग से 286 तथा अल्पसंख्यक समुदाय से 237 लाभुक शामिल रहे।
इससे साफ होता है कि सरकार की मंशा केवल आर्थिक सहायता देने तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न वर्गों को समान रूप से अवसर प्रदान करना भी इसका अहम लक्ष्य है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में “बिहार लघु उद्यमी योजना” की शुरुआत की। इस योजना के तहत अब तक 71,740 लाभुकों को 570 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।
यह योजना छोटे उद्यम और स्वरोजगार के इच्छुक लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इसमें अधिकतम 2 लाख रुपये की सहायता किस्तवार अनुदान के रूप में दी जाती है। हाल ही में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना से प्रशिक्षण प्राप्त 11,535 लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में 57.67 करोड़ रुपये की राशि सौंपी गई। इन लाभुकों में अनुसूचित जाति के 2,646, अनुसूचित जनजाति के 170, पिछड़ा वर्ग के 1,292, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 3,362 और सामान्य वर्ग के 4,065 लोग शामिल हैं।
उद्योग विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि राज्य के युवा, महिलाएं और उद्यमी आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है और योजनाओं के दायरे को और विस्तारित करने का प्रयास लगातार जारी है। इन योजनाओं के जरिए जहां एक ओर युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी सशक्त बनाने का काम हो रहा है। सरकार का मानना है कि स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिए बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना अधूरी है।