ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar politics: चुनावी साल में एक्टिव हुए सीएम नीतीश, भीषण गर्मी के बीच अचानक कहां रवाना हो गए? Bihar politics: चुनावी साल में एक्टिव हुए सीएम नीतीश, भीषण गर्मी के बीच अचानक कहां रवाना हो गए? Cricket Records: इन 5 गेंदबाजों ने किए हैं सबसे ज्यादा क्लीन बोल्ड, पहले नंबर वाले के नाम से कांपते है बल्लेबाज Bihar News: बिहार के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना, सरकार ने कर दिया टारगेट सेट; बनेंगी नई फोरलेन सड़कें Bihar News: बिहार के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना, सरकार ने कर दिया टारगेट सेट; बनेंगी नई फोरलेन सड़कें Bihar News: बिहार में सिंदूरदान से पहले दुल्हन ने शादी से कर दिया इनकार, बिना ब्याह के लौट गई बारात; जानिए.. पूरी वजह Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद, चेन स्नैचिंग के दौरान महिला को किया घायल; भागने के दौरान की फायरिंग 5th Generation Fighter Jet: 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट का काम तेज, दूर हुई सबसे बड़ी बाधा Kanwar Yatra: AI टेक्नोलॉजी से लैस होगी कांवड़ यात्रा, हर श्रद्धालु पर रहेगी नजर Bihar Crime News: जमीनी विवाद में गोलीबारी और बमबारी, एक गंभीर रूप से घायल; छापेमारी जारी

टेलीकॉम कंपनियों को मिली राहत, AGR बकाया चुकाने के लिए कोर्ट ने दिया 10 साल का समय

टेलीकॉम कंपनियों को मिली राहत, AGR बकाया चुकाने के लिए कोर्ट ने दिया 10 साल का समय

01-Sep-2020 04:20 PM

By

DESK :   सुप्रीम कोर्ट ने आज  टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियों को दूरसंचार विभाग को एजीआर से संबंधित बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है। दूरसंचार कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए यह समय कुछ शर्तों के साथ दिया गया है।  कोर्ट ने इसके साथ ही मंगलवार को दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का 10% बकाया 31 मार्च, 2021 तक चुकाने का निर्देश दिया।

कोर्ट के  फैसले के अनुसार, इन टेलकॉम कंपनियों को  एजीआर बकाया का भुगतान करने के लिए अंडरटेकिंग्स सबमिट करने की आवश्यकता है और भुगतान में चूक से ब्याज के साथ जुर्माना भी लिया जाएगा और अदालत की अवमानना भी मानी जाएगा। साथ ही, शीर्ष अदालत ने कहा कि DoT की डिमांड, AGR से संबंधित बकाये पर यह फैसला अंतिम है।

टेलीकॉम ऑपरेटरों का कुल बकाया करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए है। पिछले साल अक्टूबर में शीर्ष अदालत ने लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और अन्य देनदारियों के मामले में दूरसंचार कंपनियों के बकाये की गणना करने का फैसला दिया था। शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) को यह तय करने को कहा था कि क्या दिवालिया कंपनियों का स्पेक्ट्रम दिवाला कार्यवाही का हिस्सा हो सकता है।

बैंच ने दूरसंचार कंपनियों के प्रबंध निदेशकों या मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिया है कि वे बकाया के भुगतान के बारे में 4 सप्ताह में वचन या व्यक्तिगत गारंटी दें। कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को आगाह करते हुए कहा है कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में उनपर जुर्माना, ब्याज लगेगा। यह कोर्ट की अवमानना भी होगी।

कोर्ट ने कहा कि दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम की बिक्री के मुद्दे पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) फैसला करेगा। कोर्ट ने यह फैसला 1.6 लाख करोड़ रुपए के बकाये के भुगतान की समयसीमा सहित अन्य मुद्दों पर सुनाया है।